कैलाश मानसरोवरः यात्रा का पहला जत्था हुआ रवाना

Wednesday, Jun 19, 2019 - 12:52 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
कैलाश पर्वत और मानसरोवर को धरती का केंद्र माना जाता है। मानसरोवर वह पवित्र जगह है, जिसे शिव का धाम माना जाता है। मान्यता है कि मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं और यह हिंदूओं के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल माना गया है। कैलाश मानसरोवर का नाम सुनते ही हर किसी का मन वहां जाने को बेताब हो जाता है। मानसरोवर के पास एक सुन्दर सरोवर जिसका नाम रकसताल है। इन दो सरोवरों के उत्तर में कैलाश पर्वत स्थित है। इसके दक्षिण में गुरला पर्वतमाला और गुरला शिखर भी है। 

जैसे कि ये बात सब जानते ही होंगे कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा 8 जून से शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि यात्रा का 58 सदस्यीय पहला दल तीसरे पैदल पड़ाव कालापानी पहुंच गया है। वहीं अगर बात करें स्वास्थ्य परीक्षण की तो उसमें सभी यात्री सफल रहे। मंगलवार सुबह दल गुंजी से रवाना हुआ और नौ किमी पैदल चलने के बाद तीसरे पैदल पड़ाव कालापानी पहुंच गया है। यही दल बुधवार की सुबह अंतिम भारतीय पड़ाव नावीढांग जाएगा। बताया गया है नाभीढांग से लिपुलेख तक की यात्रा का मार्ग लगभग 3 फुट बर्फ़ से ढका हुआ है। सीमा सुरक्षा बल का कहना है कि यात्रा शुरु होने से पहले ही बर्फ़ हटा ली जाएगी। 

वैसे तो ये बात सबह जानते ही हैं कि कैलाश मानसरोवर यात्रा और बारिश का गहरा संबंध रहा है। बीते वर्षो में तो जिस दिन यात्रा का पहला दल पिथौरागढ़ पहुंचता था, उसी दिन जिले में वर्षा होती थी। इस बार जब दल पहुंचा तो उस दिन जिले में बारिश नहीं हुई। यह माना जा रहा था कि इस बार मिथक टूट रहा है। जिस दिन से दल जिले में था उसके बाद मौसम शुष्क हो गया और तापमान में अचानक बढ़ोतरी होने लगी, परंतु यह मिथक सोमवार को बरकरार रहा। दल जब गुंजी में था तो अचानक मौसम खराब हो गया। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर नावीढांग से लिपू पास तक हिमपात हो गया है। इस दौरान जिले में हल्की वर्षा भी हुई, जिससे मंगलवार को एक बार फिर मौसम सुहाना हो गया है। 

Lata

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