9 मई को शुरू होगी कैलाश मानसरोवर की REGISTRATION, जानें इससे जुड़ी खास बातें

Wednesday, May 01, 2019 - 01:43 PM (IST)

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जैसे ही मई, जून, जुलाई आदि महीने शुरू होते हैं तो हिंदू धर्म के कई प्रमुख तीर्थ स्थलों की यात्रा शुरू हो जाती है। इसी महीने यानि मई माह की 9 तारीख़ को भगवान शंकर के निवास स्थान  कैलाश मानसरोवर की रजिस्‍ट्रेशन शुरू होगी। बता दें कैलाश पर्वत 22, 028 फीट ऊंचा पर्वत, जो पूरे साल बर्फ़ की सफ़ेद चादर से ढका रहता है। जब इस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तब ये पूरा पर्वत सोने के पर्वत समान लगता है। कहा जाता है कि यह स्वयंभू पर्वत उतना ही पुराना है जितनी हमारी सृष्टि है। इस पर्वत पर प्रकाश और ध्वनि तरंगों का समागम होता है जो ॐ की प्रतिध्वनि करता है। कैलाश पर्वत की तलछटी में कल्पवृक्ष लगा हुआ है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्‍थान धन के देवता कुबेर की नगरी है। यहीं से महाविष्‍णु के करकमलों से निकलकर गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है। जहां से भोलेनाथ उन्‍हें अपनी जटाओं में भरकर धरती पर प्रवाहित करते हैं। कैलाश पर्वत की इस यात्रा में मानसरोवर झील के दर्शन की विशेष महिमा है। माना जाता है कि महाराज मानधाता ने मानसरोवर झील की खोज की थी। उन्‍होंने सालों साल इसी झील के किनारे कठोर तपस्‍या की। बौद्ध धर्मावलंबियों का मानना है कि इसके केंद्र में एक वृक्ष है, जिसके फलों के चिकित्सकीय गुण सभी प्रकार के शारीरिक व मानसिक रोगों को ठीक करने में सक्षम हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए रजिस्‍ट्रेशन करवाने की अंतिम तारीख 9 मई है। आवेदकों की आयु सीमा 18 से 70 साल के बीच तक की है। यह यात्रा 8 जून से शुरू होगी और 8 सितंबर तक चलेगी। बता दें उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाले मार्ग से प्रति व्यक्ति यात्रा का खर्च लगभग 1.8 लाख रुपए तक आता है। इसके लिए 60-60 श्रद्धालुओं के कुल 18 जत्थे बनाए जाएंगे। प्रत्येक जत्थे के लिए यात्रा अवधि 24 दिन है जिसमें यात्रा संबंधी तैयारियों के लिए दिल्ली में तीन दिन तक रूकना शामिल है। यात्रा के दौरान यात्री चियालेख घाटी अथवा ओम पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता का भी अनुभव ले सकेंगे। इस पर्वत पर प्राकृतिक रूप से बर्फ से ओम की आकृति बनी होती है।

Jyoti

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