Kaal Bhairav Jayanti: भाग्य सुधारने के लिए काल भैरव जयंती वाले दिन करें ये उपाय

punjabkesari.in Sunday, Nov 09, 2025 - 12:22 PM (IST)

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Kaal Bhairav Jayanti: हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर काल भैरव जयंती मनाई जाती है। ऐसे में इस साल ये जयंती 12 नवंबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव को भगवान शिव रौद रूप माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन ही भगवान शिव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था। भगवान काल भैरव को भूत संघ के न्याय के रूप में भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जो भी जातक काल भैरव जी की पूजा करता है उनके जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही अकाल मृत्यु का भी डर नहीं रहता। कहा जाता है कि काल भैरव जयंती के दिन जो भी व्यक्ति पूजा पाठ के साथ उपायों को करता है उनके ऊपर भगवान काल भैरव का आशीर्वाद बना रहता है और जीवन भी सुखी रहता है। तो आइए जानते हैं काल भैरव जयंती के दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में-

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काल भैरव जयंती की रात 12 बजे भैरव मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। दीपक जलाते समय उसे दक्षिण दिशा की ओर रखें, क्योंकि इस दिशा भैरव बाबा से जुड़ी हुई मानी जाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, नजर दोष दूर होता है और धन संबंधी परेशानियां कम होने लगती हैं।

इसके अलावा काल भैरव जयंती के दिन पूजा करते समय भैरव बाबा के चरणों में काले रंग का धागा अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके बाद “ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ” मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करें। मान्यता है कि इस उपाय से व्यक्ति के सभी भय समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु के अशुभ प्रभाव दिखाई देते हैं, तो उसे काल भैरव जयंती के दिन पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान काल भैरव की आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से राहु से मिलने वाली परेशानियों में कमी आती है। इस दिन काल भैरव मंदिर में जाकर या घर पर ही भगवान भैरव के मंत्रों का जप करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और जीवन में राहत व सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

काल भैरव की आराधना के समय काले तिल, काले वस्त्र और नारियल अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि यह उपाय व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों, कर्ज और नौकरी से जुड़ी अस्थिरताओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है और जीवन में स्थिरता लाता है।

काल भैरव जयंती के अवसर पर काले रंग के कुत्ते को रोटी या दूध खिलाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि काला कुत्ता भगवान भैरव की सवारी और उनका प्रिय साथी माना जाता है। ऐसा करने से भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है, वे अपने भक्तों पर विशेष अनुकंपा बनाए रखते हैं और जीवन की बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं।

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Content Editor

Sarita Thapa