Kaal Bhairav Jayanti: आज मनचाहे लाभ के लिए प्रीति योग में करें बाबा भैरव की पूजा

Tuesday, Dec 05, 2023 - 08:23 AM (IST)

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Kaal Bhairav Jayanti 2023: आज मंगलवार 5 दिसंबर को श्री महाकाल भैरव अष्टमी है। जिसे भैरव जी की उत्पत्ति और श्री भैरव जी की जयंती के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं इस दिन भगवान शिव ने कालभैरव रूप में अवतार लिया था। आज के दिन शुभ मुहूर्त में बाबा भैरव की पूजा करने से रोग, दोष, अकाल मृत्यु के भय, तंत्र-मंत्र की बाधा से मुक्ति मिलती है।


Importance of Kaal Bhairav Jayanti काल भैरव जयंती का महत्व
वैसे तो तंत्र और मंत्र की सिद्धि के लिए काल भैरव की पूजा कि जाती है। जिन पर नकारात्मक व बुरी शक्तियों का प्रभाव या अकाल मुत्यु का डर रहता है, उन्हें काल भैरव जयंती के दिन व्रत अथवा पूजा अवश्य करनी चाहिए।  

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Shubh muhurat of Kaal Bhairav Jayanti काल भैरव जयंती का शुभ मुहूर्त
कल 4 दिसंबर सोमवार की रात 09 बजकर 59 मिनट से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ हो गई थी और इसका  समापन आज 5 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदया तिथि और निशिता पूजा मुहूर्त के आधार पर काल भैरव जयंती का शुभ पर्व आज 5 दिसंबर मंगलवार को मनाया जाएगा। भैरव बाबा की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। प्रीति योग रात 10 बजकर 42 मिनट से अगले दिन रात 11 बजकर 30 मिनट तक होगा। निशिता पूजा और प्रीति योग साथ-साथ बने रहेंगे। सुबह से विष्कंभ योग और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा।


Puja method of Kaal Bhairav Jayanti काल भैरव जयंती की पूजा विधि
कालभैरव जयंती को सुबह शीघ्र उठकर स्नादि कार्यो से निवृत होकर कुश के आसन्न पर बैठकर सामने भगवान कालभैरव की प्रतिमा या चित्रपट स्थापित कर पंचोपचार से विधिवत पूजा करें। फिर रुद्राक्ष की माला में मंत्र की 5 माला जाप करें। इसके पश्चात भगवान काल भैरव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें-

 Kala Bhairava Mantra काल भैरव मंत्र- ऊं हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम: 

Niyati Bhandari

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