आपको भी है किसी भी तरह का Depression तो ज़रूर पढ़ लें ये

Saturday, Aug 08, 2020 - 01:04 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज के समय की बात करें तो हर दूसरा इंसान मानसिक तनाव से जूझता दिखाई दे रही है। देखने के पर जो इंसान अच्छे-भले दिखते हैं। अंदर ही अंदर वो डिप्रेशन जैसी बीमारी से ग्रसित होता है। इसकी एक सटीक उदाहरण आज कल बॉलीवुड में हो रही अचानक हो रही मौते हैं। 14 जून को बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपना खासा मुकाम हासिल कर चुके सुशांत सिंह राजपूत की खुदखुशी की खबरों में हर किसी को विचलित कर दिया। ऐसे में ये जानना बहुत ज़रूर हो जाता है कि मानसिक तनाव से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है। तो वहीं ये भी सवाल उठता है कि क्या इसका कोई इलाज है भी या नहीं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में दिए गए कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताते हैं जिन्हें अपनाने से आप अहर तरह के मानसिक तानव से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि आख़िर किसी भी व्यक्ति को मानसिक तनाव कब और क्यों परेशान करता है। कहने का भाव ये है कि कौन सा ग्रह मानसिक तनाव का मुख्य कारण होता है। 


इस ग्रह से तनाव का संबंध-
ज्योतिष शास्त्र के तनाव, मन की एक अवस्था है। जिसका सीधा सीधा संबंध चंद्रमा से है। कहा जाता है मन का कारक चंद्रमा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के तनाव की अवस्था आहार, विचार, व्यवहार और संस्कार पर निर्भर करती है। इसके साथ ही भी बताया जाता है कि चंद्रमा की विभिन्न प्रकार की स्थिति अलग-अलग तरह का ही तनाव देती है। 

कई स्थिति में ये तनाव वास्तविक होता है, तो कभी काल्पनित होता है। मगर दोनों ही तरह का तनाव जातक के जीवन  पर बहुत गहरा असल डालता है। बताया जाता है कि जब किसी कुंडली में चंद्रमा आठवें भाव में होता है तो सेबत से संबंधी तनाव पैदा होता है, तो वहीं अगर कुंडली में चंद्रमा अकेला होता है तो भी सेहत संबंधी तनाव परेशान करता है। 

इसके अलावा ये भी बताया गया है कि जब किसी व्यक्ति की हथेली पर मौज़ूद चंद्र पर्वत पर दाग धब्बे हों तो ये भी जीवन में तनाव रहने का संकेत होता है। ऐसे में व्यक्ति को बीमारियों का वहम होने लगता है या छोटी-छोटी बीमारियां भी बहुत भयानक लगने लगती है।

बता दें ज्योतिष शास्त्र में सभी तरह क मानसिक तनाव से जुड़े उपाय बताए गए हैं- 
ज्योतिष की सलाह पर चांदी के चेन में मून स्टॉन को चांदी में ही मड़वाकर धारण कर लें। 
प्रत्येक सोमवार को खीर बनाकर भगवान शिव को उसका भोग लगाएं, इसके बाद भोजन करने के बाद स्वयं खीर ग्रहण करें। 

रोज़ाना रात को सोने से पहले 9 बार गायत्री मंत्र का जप ज़रूर करें।
कम से कम 108 बार ‘ॐ नमो भगवते सोमनाथाय’ मंत्र का जाप करें।
रोज़ाना या फिर सोमवार के सोमवार शिवलिंग पर जल और इत्र अर्पित करें। 
नौकरी आदि में किसी तरह का तनाव पैदा हो रहा हो तो ‘ॐ चन्द्रशेखराय नमः’ ।

Jyoti

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