जल बचाने का संदेश देता है ज्येष्ठ मास, तो वहीं इसी महीने में सूर्य दिखाते अपना रोद्र रूप

Tuesday, May 21, 2019 - 03:36 PM (IST)

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19 मई से अधिक गर्म महीना कहे जाने वाले ज्येष्ठ मास की शुरूआत हो गई है। इसके साथही गर्मी ने भी अपना कहर बरसाना शुरू कर दिया है। बता दें ये 19 मई, रविवार को शुरु हुआ ये माह अगले महीने की 17 तारीख़ यानि 17 जून सोमवार को खत्म होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में सूर्य देव और वरुण देव की पूजा का विधान है। सूर्य इस महीने में अपनी रोद्र रूप दिखाते हैं इसलिए हर कोई इन्हें इस दौरान प्रसन्न करने की कोशिश करता है ताकि वे उन पर खुश हो जाएं और कम गर्मी बरसाए। कहा जाता है हर साल चैत्र और वैशाख मास में गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती है और ज्येष्ठ में चरम पर आ जाती है। इसी माह में शनिवार, 25 मई से नवतपा शुरू हो रहा है। जानते हैं ज्येष्ठ मास से जुड़ी कुछ जानकारी-

जल बचाने का संदेश देता है ये माह
कहा जाता है कि इस महीने में सूर्य अपने रोद्र रूप में होते हैं, जिस कारण पृथ्वी से जल का वाष्पीकरण बहुत तेज़ी से होता है। बहुत सी नदियां और तालाब इस माह में सूख जाते हैं। जल की कमी आने लगती है। इसी मास में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जल का महत्व बताने वाले पर्व हैं। गंगा दशहरा पर गंगा और अन्य सभी पवित्र नदियों की पूजा की जाती है। निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर यानि बिना पानी का व्रत किया जाता है। ये पर्व पानी की कीमत समझाते हैं और जल बचाने का संदेश देते हैं।
 

कब कौन से पर्व आएंगे
बुधवार, 22 मई को गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। इस दिन गणेशजी की विशेष पूजा की जाती है। शनिवार, 25 मई से नवतपा शुरू हो रहा है। इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है, ऐसे में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गुरुवार, 30 मई को अपरा एकादशी है, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।

सोमवार, 3 जून को अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या रहेगा। इस दिन वट सावित्री व्रत रहेगा। गुरुवार, 6 जून को विनायकी चतुर्थी रहेगी। मंगलवार, 11 जून को महेश नवमी है, 12 जून को गंगा दशहरा और 13 जून को निर्जला एकादशी रहेगी। 16 और 17 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा है। इस तिथि से ज्येष्ठ मास समाप्त हो जाएगा।

Jyoti

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