Jyeshtha Purnima 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर अपने भाग्य को करें जाग्रत, राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप
punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 07:01 AM (IST)

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Jyeshtha Purnima 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और विशेष पूजन करने से कई गुना अधिक पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन मनचाही मुरादें पूरी करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप भी अत्यंत प्रभावशाली माना गया है और यदि यह जाप आपकी राशि के अनुसार किया जाए, तो उसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर राशि अनुसार कौन-से मंत्रों का जाप करना चाहिए और यह क्यों इतना फलदायक माना जाता है।
राशि अनुसार मंत्र
मेष राशि- ॐ विष्णवे नमः
इसका जाप करने से मानसिक तनाव, क्रोध और जल्दबाज़ी पर नियंत्रण, कार्यों में सफलता मिलेगी।
वृषभ राशि- ॐ जगन्नाथाय नमः
ऐसा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
मिथुन राशि- ॐ नारायणाय नमः
पढ़ाई, संचार कौशल, करियर में उन्नति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें।
कर्क राशि- ॐ हृषीकेशाय नमः
इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति का अनुभव होगा।
सिंह राशि- 'ॐ चक्रपाणये नमः
सिंह राशि के जातक इस मंत्र का जाप करें, खुशियां खुद चलकर आएंगी आपके द्वार।
कन्या राशि- ॐ हंसाय नमः
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन कन्या राशि के जातक इस मंत्र का 11 बार जाप करें।
तुला राशि- ॐ गोविन्दाय नमः
प्रेम संबंधों में स्थिरता, सौंदर्य और संतुलन में वृद्धि लाने के लिए ये मंत्र बेहद खास है।
वृश्चिक राशि- ॐ श्रीधराय नमः
जीवन में नकारात्मकता से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें।
धनु राशि- ॐ श्रीमते नमः
भाग्य में मनचाही वृद्धि के लिए इस मंत्र का जाप करें।
मकर राशि- ॐ देवाय नमः
नौकरी में स्थिरता और बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए ये मंत्र रहेगा बेहद खास।
कुम्भ राशि- ॐ वामनाय नमः
बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए इसका जाप करें।
मीन राशि- ॐ रामाय नमः
इस मंत्र का जाप करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
जाप की विधि
प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर में दीपक जलाएं, और मन को शांत करें।
अपनी राशि के अनुसार चुने गए मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके लिए तुलसी की माला का प्रयोग करें।
जाप के समय भगवान का ध्यान करें और अपनी मनोकामना को मन में स्पष्ट रखें।