Jyeshtha purnima 2020: कोसों दूर से खिंचा चला आयेगा बेशुमार धन

Friday, Jun 05, 2020 - 12:15 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

हर वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के अगले दिन से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह वर्ष का तीसरा महीना होता है। इस वर्ष ज्येष्ठ माह की शुरुआत 8 मई को हो गई थी। इसी तरह हर महीने एक पूर्णिमा और वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन ज्येष्ठ महीने में आने वाली पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है। धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करना और दान-धर्म करने का विधान है। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति के सब पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन दान करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ माह में गर्मी अपने भीषण रूप में होती है। नदी, तालाब आदि सब सूख जाते हैं। धरती में पानी का स्तर भी कम हो जाता है इसलिए इस महीने पानी पिलाना भी बहुत शुभ माना जाता है।

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार सूर्य से चन्द्रमा का अन्तर जब 169 से 180 डिग्री तक होता है, तब पूर्णिमा तिथि होती है। इस समय सूर्य और चन्द्र एकदम आमने-सामने होते हैं यानी इन दोनों ग्रहों की स्थिति से समसप्तक योग बनता है। यह पूर्णा तिथि है। इस पूर्णिमा पर किए गए शुभ कामों का अन्य दिनों से अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है।


आज के दिन कुछ खास उपाय करने से जातक विशेष लाभ उठा सकते हैं-
11 कोड़ियों पर हल्दी लगाकर लाल कपड़े में बांध कर मां लक्ष्मी की तस्वीर पर अर्पित करें। अगले दिन सुबह इस पोटली को अपनी तिजोरी में रखें। कुछ ही दिनों में धन का प्रवाह बढ़ने लगेगा।

 
पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का वास होता है। जो व्यक्ति पूर्णिमा के दिन लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध मिला कर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है। उसका रुका धन वापिस आ जाता है और व्यापार में भी लाभ होने लगता है।


बिज़नेस में बड़ा मुनाफा कमाने के लिए कच्चे दूध में बताशा मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। कोसों दूर से खिंचा चला आयेगा बेशुमार धन।

आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट - www.goas.org.in

Niyati Bhandari

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