ज्येष्ठ मास: ज्यादा से ज्यादा करें पानी का दान, सूर्य व वरूण देव देंगे मनचाहा वरदान

Tuesday, May 21, 2019 - 02:56 PM (IST)

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इस महीने की तारीख़ यानि 19 मई को ज्येष्ठ मास शुरू हो गया है जो 17 जून तक चलेगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के इस तीसरे महीने में सूर्य का प्रभाव काफी बढ़ जाता है, जिस कारण गर्मी बढ़ जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस माह के अंत में 17 जून को चंद्र ज्येष्ठा नक्षत्र में रहता है, इसलिए इसे ज्येष्ठ मास कहा जाता है। तो आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास से जुड़ी खास कुछ खास बातें-

ज्येष्ठ माह में क्या-क्या करें
इस महीने में जल बचाने का संदेश दिया जाता है। सूर्य के तेज़ प्रभाव के कारण, इस दौरान  पानी का वाष्पीकरण तेज़ो से होता है, जिसके चलते कई नदियां और तालाब सूख जाते हैं। ऐसे में पानी बचाना बहुत ज़रूरी है। पौराणिक मान्यताओं के इस मास में सूर्य और वरुण देव की पूजा करने अच्छा रहता है। इसके अलावा पौधों में जल देना, प्यासों को पानी पिलाना, जल पिलाने के लिए प्याऊ की व्यवस्था करना, जल की बर्बादी न करने का महत्व है।

सूर्य पूजा
रोज़ाना सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाकर ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। ध्यान रखें इसमें यानि लोटे में लाल फूल और चावल भी ज़रूर डाल लें।

वैज्ञानिक महत्व
कहा जाता है कि इस महीने में सूर्य की वजह से वातावरण का और व्यक्ति के शरीर में जल का स्तर गिरने लगता है, इसलिए कहा जाता है कि इन दिनों में जल का सही और पर्याप्त उपयोग करना चाहिए। इस दौरान लू लगने का अधिक खतरा रहता है, इसलिए घर से बाहर निकलते समय सावधानी रखना अति आवश्यक होता है।

Jyoti

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