अंधविश्वास की घटनाओं से भारतीय ही नहीं अमरीकी लोग भी अछूते नहीं रहे, झेल चुका है पाखंड का दंश
punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2024 - 11:44 AM (IST)
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जालंधर (इंट): उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के बाद 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कथित तौर पर इतने लोगों ने नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के पैरों की धूल लेने के लिए अपनी जान तक गंवा दी। इस तरह की अंधविश्वास की घटनाओं से भारत ही नहीं अमरीका जैसा विकसित देश भी अछूता नहीं रहा है।
आपको बताते हैं कि अमरीका में भी 70 के दशक में एक कथित बाबा ने स्वर्ग का सपना दिखा कर बच्चों सहित 900 से ज्यादा लोगों को जहर पिला दिया था, जिनमें से सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि अमरीका अब इस तरह की सोच को छोड़ कर दुनिया में नई दिशा की ओर अग्रसर है जबकि भारत में पाखंडी बाबाओं के युग का अभी भी अंत नहीं हुआ है।
गुयाना के जंगलों में मिली थीं सैंकड़ों लाशें
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लैटिन अमरीकी देश गुयाना के जंगलों में सत्तर के दशक में सैंकड़ों लाशें मिली थीं। यह सभी उन लोगों की थीं जो कथित बाबा जिम जोन्स के साथ स्वर्ग जाने की तैयारी में थे। जिम जोन्स ने मौत के बाद लोगों को एक नई और बेहतर जिंदगी का सपना दिखाया और अपने सैंकड़ों भक्तों को जूस में जहर मिला कर पिला दिया। बताया जाता है कि जिन लोगों ने जूस नहीं पिया उन्हें गोलियों से भून दिया गया। बाबा जिम जोन्स ने भी अपना ही एक पंथ बना लिया था, जिसे पीपुल्स टैंपल कहते थे।
ऐसे शुरू हुआ बाबा जिम जोन्स का सफर
जिम जोन्स का जन्म अमरीकी राज्य इंडियाना में एक गरीब घर में हुआ था। जोन्स बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति का था। शुरुआत में वह ईसाई धर्म का अनुयायी था लेकिन बड़े होते-होते उसने अपना पीपल्स टैंपल के नाम से एक पंथ बना डाला। रिपोर्ट के मुताबिक यह 50 के दशक की बात है जब अमरीका में अश्वेतों के साथ रंगभेद के तौर पर हिंसा बहुत ज्यादा व्यापक थी।
जोन्स इसी बात का फायदा उठाया और उसने प्रचार किया कि पीपल्स टैंपल सबके लिए है, उसमें कोई भेद नहीं है। कहते हैं कि जल्द ही अश्वेत और समाज को सुधारने की इच्छा रखने वाले श्वेत भी उसमें शामिल होने लगे। ये ईसाई धर्म की तरह तो था, लेकिन पूजा-पाठ नहीं था।
यौन शोषण के भी लगे थे बाबा पर आरोप
लगभग 30 साल की उम्र में इस बाबा के पास अनुयायियों की अच्छी-खासी फौज हो गई, जो उसके इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहती थी। यही वो वक्त था जब जोन्स ने अपना हेडक्वार्टर कैलिफोर्निया शिफ्ट कर लिया। यहां सुनसान इलाके में जोन्स अपनी मर्जी दिखाने लगा। वह खुद को भगवान बताने के अलावा पैसों की धोखाधड़ी, यहां तक कि बच्चों का यौन शोषण तक करने लगा। काफी वक्त बाद ये खबरें बाहर आईं तो जोन्स ने आनन-फानन में कैलीफोर्निया छोड़ दिया और श्रद्धालुओं के साथ ही गुयाना शिफ्ट हो गया।
भागने वाले लोग बाबा ने करवा दिए गायब
70 की शुरुआत तक पीपल्स टैंपल काफी लोकप्रिय हो चुका था। बड़े-बड़े नेता आशीर्वाद लेने के लिए जोन्स के पास पहुंचा करते थे। सब बदल गया था, अश्वेतों और गरीब लोगों से वहां दिन-रात काम करवाया जाता था। खेती से लेकर कंस्ट्रक्शन का काम उनके जिम्मे था। इस इलाके को बाबा के नाम पर जोन्सटाऊन कहा जाने लगा। एक तरफ तो ज्यादातर अनुयायी सांस लिए बगैर काम करते, दूसरी तरफ जोन्स समेत उसके खास लोग अपने महलों में बैठे रहते थे। बहुत से लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उनके दस्तावेज गायब हुए और फिर वे खुद गायब कर दिए गए।
जांच दल के सदस्यों को भी मार डाला
मामला उस वक्त गंभीर हो गया जब कैलीफोर्निया के नेता लियो रायन कुछ पत्रकारों और नेताओं के साथ मिलकर एक फैक्ट-फाइंडिंग मिशन पर जोन्सटाऊन पहुंचे। ये नवंबर 1978 की बात है, जैसे ही दल हवाई जहाज से नीचे उतरने लगा, कम्यून से उन पर गोलियों की बौछार हो गई। ज्यादातर की मौत हो गई, जबकि कुछ जख्मी लोग किसी तरह बच-बचाकर जंगलों में भाग गए।
बाबा जोन्स भी मिला था मृत
अगले ही दिन जोन्स ने पीपल्स टैंपल में सबको बुलाया और कहा कि आज रात व्हाइट नाइट है यानी स्वर्ग जाने के लिए सबसे बेहतर दिन है। पास ही जूस के बड़े-बड़े ड्रम रखे थे। पहले बच्चों को उनके पेरैंट्स के हाथों जूस पिलाया गया। 5 मिनट के अंदर बच्चे चीखते हुए मरने लगे। इसी बीच बड़ों को साइनाइड का इंजैक्शन दिया जाने लगा। बच्चों की हालत देखकर कुछ वयस्क भागने लगे, तब उन्हें जबरन जहर दे दिया गया। जोन्स गोली से मरा पाया गया था, ये साफ नहीं हो सका कि उसने ही खुद को गोली मारी थी, या किसी और से शूट करवाया था।