Jawaharlal Nehru Birth Anniversary: चाचा नेहरू के प्रेरक और दिलचस्प प्रसंग, जो आप में भरेंगे नया जज्बा
punjabkesari.in Thursday, Nov 14, 2024 - 01:06 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational incidents of Jawaharlal Nehru ज्वाहर लाल नेहरू के प्रेरक प्रसंग: ज्वाहरलाल नेहरू का जीवन निश्चित रूप से प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश के विकास की दिशा भी तय की। उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को देखते हुए, वे आज भी एक प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं:
नेतृत्व और दृष्टिकोण: नेहरू जी का दृष्टिकोण हमेशा दीर्घकालिक और विकासात्मक था। उन्होंने एक ऐसे भारत का सपना देखा था जो न केवल स्वतंत्र हो, बल्कि एक मजबूत, समृद्ध और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी हो। उनके विचारों ने भारत को विज्ञान, शिक्षा और औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में नया दिशा दी।
शिक्षा के प्रति समर्पण: नेहरू जी का मानना था कि शिक्षा और विज्ञान का विकास देश के समग्र विकास के लिए अनिवार्य है। उनके समय में कई संस्थानों की स्थापना हुई जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs), भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), और अन्य महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय, जो आज भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख वैज्ञानिक और तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद कर रहे हैं।
लोकतंत्र और समाजवाद का समर्थन: नेहरू जी ने लोकतंत्र, समानता, और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को अपनाया। उन्होंने भारतीय समाज में जातिवाद और असमानताओं को समाप्त करने के लिए कई योजनाएं बनाई और कार्यान्वित किया। उन्होंने भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी राष्ट्र बनाने के लिए निरंतर काम किया।
संघटन और एकता: नेहरू जी का मानना था कि भारत की विविधता में उसकी ताकत छिपी हुई है। उन्होंने भारतीय समाज में विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और धर्मों के बीच एकता और सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया। उनका योगदान भारतीय राष्ट्रीयता और सामाजिक एकता के लिए अनमोल था।
साहस और दूरदृष्टि: नेहरू जी ने अनेक कठिन परिस्थितियों में देश का नेतृत्व किया। उन्होंने विभाजन के बाद भारत को पुनर्निर्माण की दिशा में मार्गदर्शन किया और कठिन चुनौतियों का सामना किया। उनके नेतृत्व में भारत ने एक मजबूत आधार तैयार किया, जिस पर आने वाली पीढ़ियां खड़ी हो सकीं।
उनकी नीतियां, दृष्टिकोण और सिद्धांत आज भी कई लोगों को प्रेरित करते हैं। उनके विचारों और कार्यों से हम सीख सकते हैं कि कैसे एक व्यक्ति का नेतृत्व देश के भविष्य को आकार दे सकता है।
Inspirational incidents of Jawaharlal Nehru ज्वाहरलाल नेहरू के प्रेरक प्रसंग
बात उस समय की है जब जवाहर लाल नेहरू किशोरावस्था में थे। पिता मोतीलाल नेहरू उन दिनों अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने की मुहिम में शामिल थे। इसका असर बालक जवाहर पर भी पड़ा। मोतीलाल नेहरू ने पिंजरे में एक तोता पाल रखा था। एक दिन जवाहर ने तोते को पिंजरे से आजाद कर दिया। मोतीलाल नेहरू को तोता बहुत प्रिय था। उसकी देखभाल एक नौकर करता था। नौकर ने यह बात मोतीलाल जी को बता दी तो उन्होंने जवाहर से पूछा, ‘‘तुमने तोता क्यों उड़ा दिया?’’
जवाहर ने कहा, ‘‘पिता जी, पूरे देश की जनता आजादी चाह रही है। तोता भी आजादी चाह रहा था, सो मैंने उसे आजाद कर दिया।’’
वह जवाहर का मुंह देखते रह गए।
भाखड़ा बांध से सिंचाई योजना का उद्घाटन होना था। नेहरू जी को योजना के व्यवस्थापकों ने चांदी का फावड़ा उद्घाटन करने के लिए पकड़ाया। इस पर नेहरू जी झुंझला गए। उन्होंने पास में पड़ा लोहे का फावड़ा उठाया और उसे जमीन पर चलाते हुए कहा, ‘‘भारत का किसान क्या चांदी के फावड़े से काम करता है!’’
नेहरू जी खूब मजाक करते थे। एक कार्यक्रम में एक छात्र ने उनसे ऑटोग्राफ लेने के लिए अपनी कॉपी उनकी ओर बढ़ाते हुए कहा, ‘‘इसमें सिग्नेचर कर दीजिए।’’
नेहरू जी ने उसमें अपने दस्तखत अंग्रेजी में कर दिए। छात्र को पता था कि नेहरू जी आमतौर पर हिंदी में हस्ताक्षर करते हैं। उसने पूछ लिया, ‘‘आप तो हिंदी में हस्ताक्षर करते हैं। फिर मेरी कॉपी में आपने अंग्रेजी में किए, ऐसा क्यों?’’
नेहरू जी मुस्कराते हुए बोले, ‘‘भाई, तुमने सिग्नेचर करने को बोला था, हस्ताक्षर करने को नहीं।’’