Janmashtami: नंद गांव में इस दिन मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, पढ़ें शुभ मुहूर्त

Friday, Aug 19, 2022 - 09:26 AM (IST)

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Shri Krishna Janmashtami in Nandgaon: नंद गांव में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सहित अन्य त्योहार खूब रीति से मनाए जाते हैं। इसके चलते कई बार नंद भवन में जन्माष्टमी अलग तारीख को हो जाती है। यह तारीख अन्य स्थानों से मेल नहीं खाती। नंद गांव में प्रचलित रीति और तरीके के अनुसार रक्षाबंधन के ठीक आठ दिन बाद ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। मथुरा के नंदगांव की नंदीश्वर पहाड़ी स्थित विश्व प्रसिद्ध नंदबाबा मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 20 अगस्त को मनाया जाएगा। जबकि ब्रज के अधिकांश मंदिरों में कन्हैया 19 अगस्त को जन्म लेंगे । यदि कोई तिथि बढ़ती है या कम होती है तो अन्य स्थानों पर जन्माष्टमी की तिथि बदल जाती है, जबकि नंदगांव में जन्माष्टमी की तिथि नहीं बदलती है वो अपने निर्धारित समय पर ही होती है।

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि में जब चंद्रमा था तब रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हर साल इस दिन को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रम हैं। इस साल भी अष्टमी और नवमी के सुबह के समय जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा।

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हमारे यहां पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी इस बार 2 दिन मनाई जाएगी। पहली 18 अगस्त को होगी। अष्टमी तिथि की रात्रि को गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग उत्सव मनाएंगे। वहीं अष्टमी तिथि की उदया तिथि को वैष्णव सन्यासियों के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी की पूजा के लिए 18 अगस्त की रात 12 बजकर 20 मिनट से लेकर 1 बजकर 05 तक का समय सबसे शुभ माना जा रहा है। पूजा की अवधि कुल 45 मिनट की होगी। इस साल जन्माष्टमी के दिन वृद्धि योग लग रहा है। माना जाता है कि वृद्धि योग में पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। वृद्धि योग 17 अगस्त रात 8 बजकर 57 मिनट से शुरू हो रहा है जो 18 अगस्त रात 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो रहा है।

Sri Krishna Janmashtami 2022: आपको भी पता होगा की मथुरा जेल में जन्म के बाद श्रीकृष्ण को गोकुल ले जाया गया था। कंस के भय के चलते नंदीश्वर पर्वत को सुरक्षित स्थान मान कर नंद बाबा सपरिवार नंदगांव आकर बस गए। यहां श्रीकृष्ण नौ साल तक रहे। कंस के भय के चलते नंदबाबा ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव भी नंदगांव में ही मनाया। इस दौरान विभिन्न देवी-देवता भी अलग-अलग रूपों में नंदगांव आए। यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम और उल्लास से मनाई जाती है।

Acharya Pradiep Siingla
Astro-Numerologist & Vastu Consultant
pradiepsiingla@gmail.com

Niyati Bhandari

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