कृष्ण जन्माष्टमी 2019: इन चीज़ों के बिना की गई पूजा नहीं होती सफल

Tuesday, Aug 20, 2019 - 12:27 PM (IST)

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श्रीकृष्ण अवतार से जुड़ी हर घटना और उनकी हर लीला निराली है। इनके मोहक रूप का वर्णन कई धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। इतना तो आप में से लगभग लोग जानते ही होंगे कि इस दिन श्री हरि यानि भगवान विष्णु जी ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था। अब अगर ये जानते हैं तो यकीनन सी बात है कि आप इनकी लीलाओं से भी अंजान नहीं होंगे। इन्होंने अपने बाल्य काल से लेकर युवास्था तक ऐसी बहुत सी लीलाएं की जो अद्भुत व मनमोह लेने वाली हैं।

यूं तो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार देवों के देव महादेव एक मात्र ऐसे भगवान हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि ये बहुत आसानी से प्रसन्न होते हैं लेकिन ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार भादो के इस महीने में श्री कृष्ण भी अपने भक्तों पर बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं। मगर वहीं ये भी कहा जाता है कि इनकी पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है। अगर ऐसे न किया जाए तो इनकी पूजा से शुभ नहीं बल्कि अशुभ फल प्राप्त होते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की आराधना में किन चीज़ों का होना अति आवश्यक होता है-

छोटे से छोटे से बच्चा भी जानता होगा कि श्री कृष्ण को दूध, दही और माखन-मिश्री बहुत ही प्रिय हैं। जिस कारण इनकी पूजा में इनका होना ज़रूरी है। लेकिन बता दें इसके अलावा भी इनकी पूजा में उपयोग होने वाली ऐसी वस्तुएं हैं जिनका अगर इस्तेमाल न का जाए तो पूजा संपूर्ण मानी जाती है। तो आइए जानते हैं जन्माष्टमी पर आपको किन चीज़ों को रखकर भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि इन पांच चीजों को भगवान के समक्ष रखकर सच्चे दिल से प्रार्थना करने से हर मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

बांसुरी-
श्रीकृष्ण को बांसुरी अत्यंत प्रिय है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार बांसुरी सरलता और मीठास का प्रतीक होती है। इसलिए मान्यता है कि जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण के समक्ष रखकर इसकी पूजा करनी चाहिए।

मोरपंख-
हिंदू धर्म के शास्त्रों में मोर पंख को सम्मोहन और भव्यता का प्रतीक कहा गया है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण अपने मुकुट पर सजाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोर पंख दुखों को दूर कर जीवन में खुशहाली लाता है। तो अगर आप अपने दुखों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के समक्ष मोर पंख ज़रूर रखें।

मिश्री-
बांसुरी की तरह मिश्री भी मिठास का प्रतीक मानी जाती है। कहा जाता है श्री कृष्ण माखन के साथ-साथ मिश्री भी अति प्रिय है। यही कारण है इन्हें जन्माष्टमी के दिन इन्हें रात 12 बजे के बाद माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है कान्हा के आशीवार्द से ताकि जीवन में मिठास बनी रहे।  

वैजयंती की माला-
धार्मिक शास्त्रों में भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप के वर्णन मुताबिक इन्होंने गले में वैजयंती माला धारण किए हुए हैं। यही कारण है इनकी पूजा में वैजयंती की माला को अधिक महत्व प्रदान है।

पीतांबर व चंदन का तिलक-
वैजयंती माला की तरह श्रीकृष्ण सदैव पीतांबर धारण करते हैं और साथ ही माथे पर चंदन का तिलक लगाते हैं। इसलिए जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से पहले उन्हें चंदन का तिलक ज़रूर करें।

Jyoti

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