कलयुग में भी करें भगवान शिव के साक्षात दर्शन, इस गुफा में करते हैं विराजमान

Friday, Jul 28, 2017 - 11:48 AM (IST)

जम्मू कश्मीर में भगवान शिव से संबंधित कई अनोखे् स्थान हैं, जिनके बारे में अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं। माना जाता है कि वहां स्थित एक गुफा में स्वयं भोलेनाथ निवास करते हैं। यहां एक सुरंग बनी हुई है जो सीधे अमरनाथ निकलती है। कहा जाता है कि जो इस गुफा में गया वह कभी लौटकर वापिस नहीं आया। भगवान शिव की यह चमत्कारी गुफा जम्मू से 140 किलोमीटर दी दूर ऊधमपुर नामक जगह पर स्थित है। इस स्थान को शिवखोड़ी के नाम से जाना जाता है। 

इस गुफा से संबंधित मान्यता है कि यहां भगवान शिव वास करते हैं। अमरनाथ गुफा के दर्शन करने वाले भक्त इस गुफा के दर्शन अवश्य करते हैं। माना जाता है कि इस गुफा का दूसरा छोर बाबा बर्फानी की गुफा में जाकर खुलता है। द्वापर युग में साधु संत इस सुरंग से होकर ही अमरनाथ को जाते थे, लेकिन कलयुग में जिसने भी इस गुफा में आगे जाने की कोशिश की, वह कभी नहीं लौटा। वर्तमान में इस सुरंग को बंद कर दिया गया है।

गुफा में एक शिवलिंग है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह स्वयं-भू है। गुफा 3 मीटर ऊंची और 200 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी और 2 से 3 मीटर ऊंची है। गुफा में शिवलिंग के अतिरिक्त मां पार्वती, नंदी आदि की प्रतिमाएं हैं। इस गुफा की छत पर सांप की आकृति भी बनी हुई है। कहा जाता है कि इस गुफा को स्वयं भगवान शिव ने बनाया था। 

एक कथा के अनुसार भस्मासुर ने तप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। तब भस्मासुर ने शिव से यह वर पाया कि वह जिसके सिर पर हाथ रखे वह भस्म हो जाए। वर मिलते ही भस्मासुर भगवान शिव पर ही हाथ रखकर उन्हें भस्म करना चाहता था। इस दौरान भगवान शंकर और भस्मासुर में भीषण युद्ध हुआ। युद्ध के बाद भी भस्मासुर ने हार नहीं मानी। तब भगवान शंकर वहां से निकलकर ऊंची पहाड़ी पर पहुंचे और एक गुफा बनाकर उसमें छ‌िपे। आज वहीं गुफा शिवखोड़ी के नाम से प्रसिद्ध है।

उसके बाद भगवान शंकर को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सुंदर स्त्री का रूप लेकर भस्मासुर को मोहित किया। सुंदरी रूप में विष्णु के साथ नृत्य के दौरान भस्मासुर शिव का वर भूल गया और अपने ही सिर पर हाथ रख कर भस्म हो गया।
 

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