विदुर कहते हैं, ये काम करके व्यक्ति अपनी मृत्यु को देता है स्वयं निमंत्रण

Monday, Feb 20, 2017 - 01:53 PM (IST)

शास्त्रों में व्यक्ति की आयु 100 वर्ष निर्धारित की गई है। आज के दौर में कोई विरला ही इतनी अथवा इससे अधिक आयु का सुख प्राप्त कर पाता है। महाभारत में वर्णित एक प्रसंग के अनसार राजा धृतराष्ट्र महात्मा विदुर से पूछते हैं की व्यक्ति की आयु कम होने का क्या कारण है। 

विदुर कहते हैं-
अतिमानोअतिवादश्च तथात्यागो नराधिप।
क्रोधश्चात्मविधित्सा च मित्रद्रोहश्च तानि षट्।।
एत एवासयस्तीक्ष्णा: कृन्तन्यायूंषि देहिनाम्।
एतानि मानवान् घ्नन्ति न मृत्युर्भद्रमस्तु ते।।

 
* हर समय अपनी तारिफ करने वाला, स्वयं को सबसे अधिक समझदार मानने वाला व्यक्ति घमंड़ी होता है। स्वयं को सबसे श्रेष्ठ अौर दूसरों को छोटा समझने वाले व्यक्ति का घमंड ही उसकी उम्र कम करता है।
 
* अधिक अौर व्यर्थ बोलने वाला व्यक्ति कई बार ऐसी बात कह जाता है जिसके कारण उसे भविष्य में नकारात्मक परिणामों को झेलना पड़ता है। इसलिए अधिक शब्दों का प्रयोग न करके वाणी को संयमित रखना चाहिए क्योंकि असंयमित वाणी से भी आयु कम होती है।
 
* गुस्से को व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन माना गया है। क्रोध में व्यक्ति ऐसे कार्य कर जाता है जिसके कारण उसे दुखों अौर नुक्सान का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार की आदत से भी व्यक्ति की उम्र कम होती है। 
 
* समाज में सुख अौर शांति से जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति में त्याग अौर समर्पण की भावना होनी चाहिए। जिन लोगों के मन में त्याग की भावना नहीं होती उनकी मृत्यु शीघ्र हो जाती है।
 
* शास्त्रानुसार अपने फायदे के लिए मित्रों अौर संबंधियों को धोखा देना महापाप माना जाता है। अपने फायदे के लिए इन सभी को धोखा देने वाले की आयु कम होती है।
 
* लालच अौर स्वार्थ को व्यक्ति का शत्रु माना गया है। जो व्यक्ति अपने मन में स्वार्थ अौर लालच की भावना रखता है उसकी उम्र कभी लंबी नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार लोभी इंसान लंबे समय तक नहीं जीता।

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