क्या यहां हुआ था राधा-कृष्ण का मिलन

Thursday, May 17, 2018 - 10:06 AM (IST)

मथुरा से 25 कि.मी दूर बरसाना गांव स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कान्हा की प्रिय राधा रानी इसी गांव की रहने वाली थीं। कस्बे के मध्य श्री राधा की जन्मस्थली माना जाने वाले स्थान पर श्री राधावल्ल्भ मंदिर स्थित है। पद्म पुराण के अनुसार राधा रानी वृषभानु महाराज जी की पुत्री थी। कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार राधा रानी का जन्म यमुना के समीप गांव रावल ग्राम में हुआ था, बाद में उनके पिता बरसाना में आकर बस गए थे।
 

इस मान्यता के अनुसार नंदबाबा एवं वृषभानु का आपस में अधिक प्रेम था। कंस के द्वारा भेजे गए असुरों के उपद्रवों के कारण जब नंदराय अपने परिवार, समस्त गोपों तथा गौधन के साथ गोकुल-महावन छोड़ कर नंदगांव में निवास करने लगे, तो वृषभानु भी अपने परिवार सहित उनके पीछे-पीछे रावल गांव को त्याग कर चले आए और नंदगांव के पास बरसाना में आकर निवास करने लगे। उनके इस गांव में निवास करने के कारण ही इस गांव का नाम बरसाना गांव पड़ा।
 

जिस स्थान पर वृषभानु जी बैठे थे। उस स्थान पर श्री राधा रानी मंदिर स्थित है। इस मंदिर में श्री राधा रानी के विग्रह की नित्य पूजा-अर्चना होती है। ब्रजधाम में जितने भी मंदिर है। उनमें से श्री राधा रानी का मंदिर सर्वोपरि है। 
 

कहते हैं कि जिस तरह कान्हा अपनी बाल्यावस्था में अपने मित्रों के साथ नंदगांव में खेला करते थे, वैसे ही राधा रानी भी बाल्यावस्था में अपनी सखियों के साथ बरसाने में खेल खेलती थी। श्री जी मंदिर के सामने एक विशालकाय प्रांगण है। यहां हर वर्ष होली खेल के कीर्तन, झुलन कीर्तन, मधुमंगल के खेल अनुष्ठान होते हैं।
 

इस मंदिर को बरसाने की लाड़ली जी का मंदिर भी कहा जाता है। राधा जी का ये प्राचीन मंदिर मध्यकालीन है जो लाल और पीले पत्थर का बना है। राधा-कृष्ण को समर्पित इस भव्य और सुंदर मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह ने 1675 में करवाया था। बाद में स्थानीय लोगों द्वारा इस मंदिर में पत्थरों को लगवाया गया। राधा रानी मंदिर क़रीब ढाई सौ मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना है और इस मंदिर में जाने के लिए सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पढ़ती है। राधा किशोरी के उपासकों का यह अतिप्रिय तीर्थ है। इस पहाड़ी के पत्थर श्याम तथा गौरवर्ण के हैं जिन्हें यहां के निवासी राधा-कृष्णा के अमर प्रेम का प्रतीक मानते हैं। बरसाने से 4 मील पर नंदगांव हैं, जहां श्रीकृष्ण के पिता नंद जी का घर था। बरसाना-नंदगांव मार्ग पर संकेत नामक स्थान है। जहां किंवदंती के अनुसार कृष्ण और राधा रानी का प्रथम मिलन हुआ था। यहां फाल्गनुन शुक्ल अष्टमी, नवमी एवं दशमी को आकर्षक लीला होती है। 

Jyoti

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