Ishwar Chandra Vidyasagar story: छोड़िए दूसरों पर निर्भरता और हो जाइए तैयार

Monday, Jun 19, 2023 - 10:52 AM (IST)

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Ishwar Chandra Vidyasagar story: प्रसिद्ध शिक्षाविद् व दार्शनिक ईश्वरचंद विद्यासागर को इंगलैंड में एक सभा की अध्यक्षता के लिए बुलाया गया। उनके दैनिक कार्य घड़ी की सूई के साथ-साथ पूर्ण होते थे। वह निश्चित समय पर सभा भवन में पहुंचे तो देखा काफी लोग बरामदे में चहल-कदमी कर रहे हैं और कुछ लोग सभा भवन में एक ओर खड़े हैं।



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पूछने पर  पता लगा कि सफाई करने वाले कर्मचारी अब तक नहीं आए, इसलिए इस भवन की सफाई नहीं हो सकी है और न बैठक की व्यवस्था ही हो सकी। विद्यासागर जी यह बात सहन न कर सके। उन्होंने ब्रुश उठाया और फर्श की सफाई करने लगे। फिर क्या था ? आगुंतकों ने भी देखा-देखी सफाई का कार्य शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने फर्नीचर को व्यवस्थित कर दिया। थोड़ी देर में ही सभा स्थल की सफाई हो गई और सभी आगंतुक अपनी-अपनी जगह पर बैठ गए।



उन्होंने अपने भाषण के प्रारम्भ  में ही कहा-"कोई व्यक्ति हो अथवा राष्ट्र, उसे स्वावलम्बी होना ही चाहिए। अभी आप सबने देखा कि 2-4 व्यक्तियों के कारण सभी को परेशानी उठानी पड़ रही थी। यह भी तो संभव है कि सफाई करने वाले कर्मचारियों तक ठीक समय पर सूचना न पहुंची हो अथवा वे किसी प्राकृतिक आपत्ति के कारण यहां तक आने में असमर्थ हों। ऐसी स्थिति में क्या आज का कार्यक्रम स्थगित कर दिया जाता ? कितने ही व्यक्तियों का आज का श्रम और समय व्यर्थ चला जाता। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि हम अपने कार्य स्वयं करें।"

Niyati Bhandari

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