Isht dev: ये है अपने इष्ट देव जानने का सबसे आसान तरीका
punjabkesari.in Saturday, May 25, 2024 - 11:27 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
How do I find my Ishta Devata: शास्त्रों की मान्यतानुसार अपने इष्ट देव की आराधना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। आपके आराध्य इष्ट देव कौन से होंगे, यह आप अपनी जन्म तारीख, जन्मदिन, बोलते नाम की राशि या अपनी जन्म कुंडली की लग्न राशि के अनुसार जान सकते हैं।
जन्म माह : जिन्हें केवल जन्म का माह ज्ञात है, उनके लिए इष्ट देव इस प्रकार होंगे-
जिनका जन्म जनवरी या नवम्बर माह में हुआ हो, वे शिव या गणेश की पूजा करें।
फरवरी में जन्मे शिव की उपासना करें।
मार्च व दिसम्बर में जन्मे व्यक्ति विष्णु की साधना करें।
अप्रैल, सितम्बर, अक्तूबर : इन महीनों में जन्मे व्यक्ति गणेश जी की पूजा करें।
मई व जून माह में जन्मे व्यक्ति मां भगवती की पूजा करें।
जुलाई माह में जन्मे व्यक्ति विष्णु व गणेश का ध्यान करें।
जन्म वार से : जिनको वार का पता हो, परंतु समय का पता न हो तो वार के अनुसार इष्ट देव इस प्रकार होंगे- रविवार- विष्णु।
सोमवार- शिवजी। मंगलवार- हनुमान जी, बुधवार- गणेश जी। गुरुवार- शिव जी, शुक्रवार- देवी। शनिवार- भैरव जी।
जन्म कुंडली से : जिनको जन्म समय ज्ञात हो, उनके लिए जन्म कुंडली के पंचम स्थान से पूर्व जन्म के संचित कर्म, ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, धर्म व इष्ट का बोध होता है। अरुण संहिता के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर ग्रह या देवता भाव विशेष में स्थित होकर अपना शुभाशुभ फल देते हैं।
राशि के आधार पर : पंचम स्थान में स्थित राशि के आधार पर आपके इष्ट देव इस प्रकार होंगे :
मेष : सूर्य या विष्णु जी की आराधना कर; वृष : गणेशजी; मिथुन : सरस्वती, तारा, लक्ष्मी; कर्क : हनुमान जी; सिंह : शिवजी; कन्या : भैरव, हनुमान जी, काली; तुला : भैरव, हनुमान जी, काली; वृश्चिक : शिवजी; धनु : हनुमानजी; मकर : सरस्वती, तारा, लक्ष्मी; कुंभ : गणेशजी; मीन : दुर्गा, राधा, सीता या कोई देवी।
ग्रह के आधार पर इष्ट : पंचम स्थान में स्थित ग्रहों या ग्रह की दृष्टि के आधार पर आपके इष्ट देव :
सूर्य : विष्णु; चंद्रमा : राधा, पार्वती, शिव, दुर्गा; मंगल : हनुमान जी, कार्तिकेय; बुध : गणेश, विष्णु; गुरु : शिव; शुक्र : लक्ष्मी, तारा, सरस्वती; शनि : भैरव, काली।