नवरात्रों में वैष्णो देवी यात्रा करने का प्लान बना चुके लोग ज़रूर पढ़ें ये खबर

Saturday, Sep 28, 2019 - 05:11 PM (IST)

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त्रिकुट पर्वत की सुंदर वादियों में बसे वैष्णो देवी धाम में विराजमान मां त्रिकुटा के दर्शनों को न केवल देशभर से बल्कि विश्वभर से लोग आते हैं। पूरी दुनिया में वैष्णो देवी मंदिर के प्रति आस्था देखने को मिलती है। हिंदू धर्म की समस्त तीर्थ यात्राओं में से वैष्णी देवी के यात्रा को सबसे पावन व कठिन माना जाता है। यूं तो साल के 365 दिन वैष्णो देवी की ये यह यात्रा खुली रहती है जिस कारण यहां रोज़ाना लाखों की संख्या में लोग देखने को मिलते हैं। मगर आश्विन मास के शारदीय नवरात्रों में यहां का नज़ारा कुछ अलग ही होती है। कल से इस साल के शारदीय नवरात्रों का आरंभ हो जाएगा। इसी खास मौके पर हम आपके लिए लाएं वैष्णो देवी यात्रा से जुड़ी कुछ खास बातें-

कटरा से भवन तक की चढ़ाई
माता वैष्णो देवी के भवन की चढ़ाई से पहले श्रद्धालु कटरा ठहरते हैं। जिसे वैष्णो देवी का बेस कैंप भी कहा जाता है। यहीं से ही वैष्णो देवी की पैदल चढ़ाई शुरू होती है जो भवन तक करीब 13 किलोमीटर और भैरो मंदिर तक 14.5 किलोमीटर है।

यात्रा का बेस्ट टाइम
बताया जाता है वैष्णो देवी यात्रा के लिए नवरात्रि का समय सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस समय भीड़ ज्यादा होती है। मौसम में ज्यादा ठंड और न ही गर्मी होती है। इसलिए इस समय यात्रा सुखद होती है। 

यात्रा पर्ची
बता दें कटरा से भवन तक की चढ़ाई के लिए यात्रा पर्ची का होना बहुत ज़रूरी होता है। आप इसे कटरा स्थित श्राइन बोर्ड के काउंटर या बोर्ड की वेबसाइट से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। इसके अलावा ध्यान रखें कि यात्रा के दौरान आपके पास पहचान के लिए कुछ दस्तावेज ज़रूर हो।

हेलिकॉप्टर व बैटरी कार से यात्रा
अमरनाथ व अन्य धार्मिक यात्राओं के जैसे यहां भी हेलिकॉप्टर से यात्रा की सहूलियत है। कटरा से सांझी छत तक की यात्रा हेलिकॉप्टर से की जा सकती है। इसके अलावा यहां पालकी, प्रैम्स और हेलिकॉप्टर के अलावा मंदिर तक जाने के लिए बैटरी कार का उपयोग भी किया जाता है। बता दें कि बैटरी कार सेवा खासतौर पर दिव्यांग, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए शुरू की गई थी।

यात्रा में लेदर का सामान ले जाना है वर्जित
माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान कोई भी लेदर का सामान ले जाने वर्जित है। इसके अलावा यात्रा में अपने साथ भारी सामान लेकर जाने से परहेज करें। अन्यथा चढ़ाई के दौरान आपको मुश्किल हो सकती है।  

 

Jyoti

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