Inspirational Story: जैसी संगत वैसी रंगत

Tuesday, Aug 15, 2023 - 09:11 AM (IST)

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Inspirational Context: चीनी विचारक मेनसियस की मां एक समझदार महिला थीं। उन्होंने अपने बेटे के कारण 3 बार निवास स्थान बदला। पहले वह एक कब्रिस्तान के पास रहती थीं। एक दिन उन्हें लगा कि उनका बेटा धीरे-धीरे गहरे दुख में डूबता जा रहा है। दरअसल, कब्रिस्तान में आने वाले लोग दुख से रोते-बिलखते रहते थे। वह बालक उन्हें रोज ही देखता, इसलिए वह उन्हीं की तरह बर्ताव करने लगा।

 मेनसियस की मां को चिंता हुई और उन्होंने वहां से दूसरी जगह जाना तय कर लिया। अब वह चहल-पहल भरे बाजार में रहने लगीं। कुछ समय बाद उन्होंने देखा कि उनका बेटा मेनसियस एक दुकानदार की तरह बर्ताव करने लगा है। उन्होंने वहां से भी निकलना तय किया।

इस बार उन्होंने एक विद्यालय के पास मकान लिया। वहां मेन्सियस मेधावी विद्यार्थियों का अनुसरण करने लगा। वह अनेक विषयों की जानकारी पाने की कोशिश करने लगा और अनेक विषयों पर गहन अध्ययन करने लगा। मां यह देखकर बड़ी प्रसन्न हुईं। उन्हें लगा कि बेटे पर माहौल का सही प्रभाव पड़ा है। ऐसे वातावरण में बड़ा होकर मेनसियस चीन का एक बहुत बड़ा विद्वान बना।

यह बात तो तय है कि हमारे जीवन पर आसपास के माहौल का बहुत असर पड़ता है। यदि हम जुआ खेलने वालों की संगत में रहेंगे तो आसानी से जुए की लत से प्रभावित हो जाएंगे। हम अपना जीवन जिस तरह के व्यक्तियों के बीच बिताते हैं, उसी तरह की हमारी सोच बन जाती है। अत: हमारी संगत का सही होना बहुत जरूरी है।

Niyati Bhandari

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