Inspirational story: एक छोटी सी पहल बनी जन आंदोलन

Sunday, Mar 12, 2023 - 10:05 AM (IST)

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Inspirational Context: जीवन में यदि हम दूसरों की मदद करने का प्रण लेते हैं, तो हमारा संकल्प समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है। इसका जीता-जागता उदाहरण आस्ट्रिया में देखने को मिला। वहां पैस्टोला नामक छात्र डाक्टरी की पढ़ाई कर रहा था। एक दिन जब वह कहीं जा रहा था, तो रास्ते में उसे एक अनाथ बच्चा मिला। एक छोटे से बच्चे को अकेला देख कर पैस्टोला ने उसे अपने साथ ले लिया। उसने उसके अभिभावकों का पता लगाने की कोशिश की, किन्तु जब कुछ पता न चला तो पैस्टोला ने उसे एक अनाथालय में रखवा दिया। उसे उस बालक से बेहद लगाव हो गया था।

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वह अक्सर बालक को अनाथालय में देखने आता था। उसके लिए कुछ उपहार भी लाता था। धीरे-धीरे पैस्टोला ने नोट किया कि अनाथालय में बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था तो है, लेकिन वहां के कर्मचारियों में दया भाव नहीं है इसलिए बच्चे उन कर्मचारियों के संरक्षण में ढंग से विकसित नहीं हो पा रहे हैं।

पैस्टोला ने अपनी पढ़ाई खत्म होते ही एक आंदोलन चलाया और नि:संतान तथा छोटी गृहस्थी वालों से अनुरोध किया कि वे अनाथ बच्चों को अपने परिवार में सम्मिलित कर लें और उन्हें लाड़-प्यार से पालें। ऐसा करने से बच्चों का समुचित विकास हो पाएगा और उन्हें जीने की राह मिल जाएगी।

पैस्टोला के इस आंदोलन का लोगों पर बहुत सकारात्मक असर हुआ। अनेक उदार धनी और शिक्षित लोग ऐसे असहाय बच्चों को अपने परिवार में शामिल करने के लिए आगे आए। पैस्टोला ने अनाथ बच्चों की देखरेख में अपना जीवन लगा दिया। वह इस कारण से आजीवन अविवाहित भी रहे।

उसने अनाथ बच्चों का पालन-पोषण करने के अलावा विधवाओं एवं वृद्धों की भी नि:स्वार्थ मदद की। पूरी आमदनी उसने जरूरतमंदों पर लगाई। पैस्टोला की प्रेरणा से अनेक उदार लोगों ने भी अपने परिवार में निराश्रितों को सम्मिलित किया। धीरे-धीरे यह आंदोलन दूर-दूर तक फैल गया। पैस्टोला के उस आंदोलन के कारण उनकी एक विशिष्ट पहचान बन गई। उनसे प्रेरणा लेकर कई लोगों ने सेवा का यह कार्य अपने हाथ में ले लिया।

Niyati Bhandari

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