ससुराल में शगुनों वाले पांव रखने से पहले ध्यान रखें ये बात

Monday, Sep 27, 2021 - 12:41 PM (IST)

 शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Story: एक महीना पहले उसकी मंगनी हुई थी। उसने अपने होने वाले पति से स्वाभाविक तौर पर यूं ही पूछ लिया, ‘‘आप अपने माता-पिता की इकलौती संतान क्यों रह गए? आपके अन्य भाई-बहन क्यों नहीं हुए?’’

मंगेतर ने बात को हंसी में उड़ाते हुए कहा, ‘‘अपने माता-पिता को पूछ कर बताऊंगा।’’

विवाह की तारीख पक्की हो गई है। आज चुनरी चढ़ाने की रस्म है। ससुराल वाले पूरे ठाठ-बाट के साथ आए थे। उनको बड़े प्यार व सत्कार के साथ चाय-पानी पिला कर बैठाया गया। खुशी का माहौल है। जब लड़की, यानी उसे रस्म के लिए बुलाया गया तो वह साधारण से कपड़े पहन कर आ गई। सभी के चेहरे प्रश्नचिन्ह बन गए।

लड़की ने कहा, ‘‘इससे पहले कि रस्म अदा की जाए, मैं एक गलतफहमी दूर कर लेना चाहती हूं। मुझे लगता है कि हमें बिचौले अंकल ने ससुराल परिवार बारे पूरी जानकारी नहीं दी।’’

बिचौले ने भड़कते हुए कहा, ‘‘लड़की, क्या उनकी 20 एकड़ जमीन नहीं? ...‘‘है’’... क्या उनको ‘नानका-ढेरी’ नहीं आती? ...‘‘आती है’’...क्या उनका इकलौता लड़का नहीं? ...‘‘है’’... तुझे और क्या नहीं बताया गया?’’

‘‘मुझे यह नहीं बताया गया कि मेरे होने वाले पति को इकलौता लड़का रखने के लिए उन्होंने दो अबॉर्शन करवाए हैं। दो लड़कियों के अबॉर्शन..., दो कत्ल किए हैं इन्होंने। जिस घर में मर्दाना अस्तित्व कायम रखने के लिए लड़की के भाग्यशाली पांव नहीं धोने दिए गए, माफ करना, उस घर में दुल्हन बन कर शगुनों वाले पांव रखने की गलती मैं हरगिज-हरगिज नहीं कर सकती।’’

 

Niyati Bhandari

Advertising