...जब गांधी जी की पहल पर अफ्रीका में प्लेग पर मिली विजय

Wednesday, May 13, 2020 - 08:29 AM (IST)

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सन् 1904 की बात है। दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग शहर की कुली बस्ती में अचानक प्लेग फैल गया। कुली बस्ती उस स्थान को कहा जाता था। जहां पर भारतीय मजदूरों को रखा जाता था। सफाई का उचित प्रबंध न होने की वजह से यह इलाका बहुत गंदा था। इस बस्ती में प्लेग फैलने पर गांधी जी के पास खबर पहुंचाई गई कि आप यहां जल्दी आइए। पूरी बस्ती संकट में है। बस्ती के अधिकतर मजदूर खदानों में काम करते थे। प्लेग फैलने के कारण कई मौत के मुंह में जा चुके थे और बहुतों की स्थिति नाजुक थी। डर था कि जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो प्लेग बेकाबू हो जाएगा।



गांधी जी खबर पाकर तुरंत वहां पहुंच गए। आसपास कोई अस्पताल भी नहीं था। गांधी जी ने कुछ स्वयं सेवकों की मदद से एक बंद घर को खाली कराया और कुछ कम्बल व चारपाइयां लाकर उसे अस्पताल बना दिया। पर अस्पताल में इलाज शुरू होए इसके लिए बहुत कुछ करना था। आसपास रहने वाले लोगों से सहायता की अपील की गई। गांधी जी और उनके साथियों की तत्परता से प्रभावित बस्तीवासियों ने धन के साथ आवश्यक सामान भी दे दिया।


इस बीच एक भारतीय डॉक्टर भी प्लेग के रोगियों की मदद के लिए आ पहुंचे। सारी रात बापू, डॉक्टर व अन्य स्वयं सेवक जाग कर मरीजों की देखभाल में लगे रहे। कई मरीजों की हालत बिगड़ गई थी। वे मौत के मुंह में जा चुके थे। इसके बाद गांधी जी ने मरीजों का प्राकृतिक चिकित्सा विधि से इलाज शुरू किया। उन्हें रोगियों की इस तरह सेवा करते देख अनेक लोग अपने प्राणों की परवाह न करते हुए उनकी मदद को आगे आए। इस प्रकार गांधी जी की पहल पर सबके सहयोग से दक्षिण अफ्रीका में प्लेग पर विजय पाई गई।

Niyati Bhandari

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