Inspirational Context : इस चीज के बिना अधूरी है आपकी पूरी शिक्षा

Thursday, Mar 14, 2024 - 12:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Context : एक बार खलीफा हारून-अल-रशीद बगदाद शहर का मुआयना करने निकले। रास्ते में उन्हें एक आलीशान इमारत दिखाई दी जिस पर ‘मदरसा अब्बासिया’ की तख्ती लगी हुई थी।

बादशाह ने मंत्री से पूछा, ‘‘हमारे शहजादे अमीन और मामून इसी मदरसे में शिक्षा पाते हैं न ?’’ मंत्री ने ‘‘हां’’ में जवाब दिया।

खलीफा घोड़े से उतरे और उन्होंने मदरसे में प्रवेश किया। तब उन्हें सफेद दाढ़ीवाला एक बुजुर्ग हाथ-मुंह धोता दिखाई दिया। वह उस मदरसे का उस्ताद था। हाथ-मुंह धोने के बाद उसने बादशाह को सलाम किया। सलाम का जवाब देकर खलीफा बोला, ‘‘हम आपके मदरसे का मुआयना करने आए थे लेकिन हमें यह देख कर बड़ा अफसोस हुआ कि यहां पूरी शिक्षा नहीं दी जाती।’’

‘‘गुस्ताखी माफ हो।’’ उस्ताद डरते-डरते बोला, ‘‘हुजूर, मुझसे क्या गलती हो गई ?’’

खलीफा ने कहा, ‘‘आप जब हाथ-मुंह धो रहे थे तब हमारे शहजादे चुपचाप खड़े थे। दरअसल उस्ताद की जगह बहुत ऊंची होती है और उसकी सेवा करना हर शिष्य का फर्ज है। मगर हमने पाया कि हमारे शहजादे चुपचाप खड़े थे। उनको चाहिए था कि वे आपको पानी लाकर देते और आपके पैरों पर पानी डालते। मालूम होता है आपने उन्हें यह तालीम नहीं दी ?’’

यह सुन उस्ताद हक्का-बक्का रह गया और शहजादे अमीन और मामून तो शर्म के मारे सिर झुकाकर खड़े थे।

Prachi Sharma

Advertising