Inspirational Context: घर में था धन का अभाव, फिर भी हासिल किया मनचाहा मुकाम

Sunday, Apr 16, 2023 - 10:17 AM (IST)

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Inspirational Context: अमरीका के अपटॉन सिंक्लेयर बहुत निर्धन परिवार में जन्मे थे परन्तु उन्होंने अपनी लेखन-पठन की रुचि को सदैव जीवित रखा। उनका जीवन इतना अभावग्रस्त था कि कई बार उनके पास घर का किराया देने के लिए भी पैसे नहीं होते थे व अक्सर उनके परिवार को भूखा रहना पड़ता था।

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दस वर्ष की आयु तक अपटॉन स्कूल नहीं जा पाए। लेकिन बचपन से ही उन्हें पढ़ने का शौक था, इसलिए उन्होंने घर पर ही कई पुस्तकों के साथ-साथ एनसाइक्लोपीडिया भी पढ़ डाला। विपरीत परिस्थितियों में भी वे जहां कहीं पुस्तकें देखते, उठाकर पढ़ने लगते।

अपने संघर्ष और परिश्रम से वह कालेज पहुंच गए। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने जीवनयापन के लिए छोटी पत्रिकाओं के लिए उपन्यास लिखे। कालेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपटॉन ने विचार-प्रधान उपन्यास लिखने का निर्णय लिया। अब तक वह स्वयं गरीबी और अन्याय को अनुभव कर चुके थे।

उनके मन में गरीबी और अन्याय के प्रति आक्रोश भरा था। वह इनसे लड़ना चाहते थे और इन्हें दुनिया से समाप्त करना चाहते थे। अपने लेखन द्वारा वह दोषपूर्ण व्यवस्था को बदलना चाहते थे।

पांच साल में उन्होंने ऐसे ही पांच उपन्यास लिखे। छठे उपन्यास ‘द जंगल’ से उन्हें लोकप्रियता मिली। समय के साथ-साथ, अब अपटॉन लेखन के अतिरिक्त सामाजिक कार्यों में भी रुचि लेने लगे क्योंकि वह मानते थे कि पीड़ित और दबे-पिछड़े लोगों की सहायता किए बिना अन्याय व दरिद्रता से लड़ना संभव नहीं है।

आखिरकार अपटॉन की मेहनत को व्यापक स्तर पर मान्यता मिली। उनकी लेखन क्षमता को भी पहचान मिली जिसके फलस्वरूप उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


 

Niyati Bhandari

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