Inspirational Context: भविष्य जानने वालों की जिंदगी बदल देगा, रबीन्द्रनाथ टैगोर का यह सुझाव

Sunday, Feb 26, 2023 - 08:51 AM (IST)

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Rabindranath Tagore story: गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर शांति निकेतन में टहल रहे थे। उसी समय उनका प्रिय शिष्य अभय उनके समीप आकर चुपचाप खड़ा हो गया। उसके चेहरे पर परेशानी और चिंता साफ झलक रही थी।



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 गुरुदेव ने शिष्य से आने का कारण पूछते हुए कहा, ‘‘बहुत परेशान लग रहे हो।

 उसने कहा, ‘‘हां गुरुदेव, मैं बहुत दुखी हूं। रात भर मुझे नींद नहीं आई। मन में भयंकर चिंतन चलता रहा।

 गुरुदेव ने उसे शांत कराया और उससे कहा कि अपनी चिंता का कारण बिना किसी संकोच के बताओ।



शिष्य ने कहा, ‘‘गुरुदेव, रात भर मेरे अंदर यह चिंतन चलता रहा कि जब एक दिन संसार की सभी आत्माओं को जन्म-मरण से छुटकारा मिल जाएगा तो फिर क्या होगा ?

प्रश्र सुनकर पहले तो गुरुदेव मुस्कुराए फिर गंभीर होकर बोले, ‘‘पुत्र, तुम्हारा प्रश्र भविष्य से संबंध रखता है। भविष्य बड़ा रहस्यपूर्ण है। यह संसार बड़ा विशाल है। परिवर्तन ही संसार का प्रमुख गुण है।

एक दिन ऐसा आएगा- इस संभावना में भ्रम है, अज्ञान है, अनिश्चय है, जबकि संतोष ही हमारे मन का बल है, संतोष ही हमारी इंद्रियों की रक्षा करता है। हम वर्तमान में संतोष प्राप्त करें। बाकी सब कुछ तो रहस्य है इसलिए भविष्य की चिंता छोड़ दो। मनुष्य की असली चुनौती भविष्य को भेदकर उसके गर्भ में पलते रहस्य तक पहुंचाना नहीं, बल्कि वर्तमान में जीने की कला सीखना है।’’



शिष्य को उसके संदेह का समाधान मिल गया था। अब वह समझ गया था कि भविष्य की चिंता करते हुए वर्तमान को बिगाड़ लेना बुद्धिमानी नहीं है। वह संतुष्ट होकर गुरुदेव के पास से लौट गया।

Niyati Bhandari

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