Inspirational Context: कबीर जी की ये सीख, बदल सकती है आपकी तकदीर

Friday, Feb 03, 2023 - 01:39 PM (IST)

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Kabirdas story: एक धनवान व्यक्ति रोजाना कबीरदास की अमृतवाणी सुनने आया करता था। वह प्रवचन ध्यान से सुनता और उनका चिंतन करता था। उस व्यक्ति को यह जानने की बड़ी उत्सुकता थी कि कबीर की वाणी में ऐसा क्या है जो लोग इन्हें इतना महत्व देते हैं। एक दिन प्रवचन के दौरान उसकी नजर कबीर दास जी के कुर्ते पर पड़ी, जोकि बहुत ही साधारण-सा था। उसने सोचा कि वह कबीर दास जी को एक कुर्ता भेंट करेगा।

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धनी व्यक्ति ने कुछ दिनों के बाद मखमल का एक कुर्ता कबीर दास जी को भेंट कर दिया। कुर्ते की विशेषता यह थी कि उसका बाहर दिखने वाला कपड़ा मुलायम था और अंदर दूसरी तरफ साधारण कपड़ा लगा हुआ था। कबीर दास जी ने धनी व्यक्ति का उपहार स्वीकार कर लिया। अगले दिन जब प्रवचन शुरू हुए तो कबीर दास जी ने वही कुर्ता पहना हुआ था लेकिन संत कबीर को कुर्ता पहना देख धनवान व्यक्ति चकित रह गया। दरअसल कबीर दास जी ने कुर्ता उलटा पहना था, यानी कि मलमल वाला हिस्सा शरीर को छू रहा था और साधारण हिस्सा बाहर दिख रहा था।

प्रवचन समाप्त होने के बाद उस धनी व्यक्ति ने पूछा, ‘‘यह आपने क्या किया ? कुर्ता ऐसे कैसे पहना है ?’’ तब सभी के सामने कबीर दास जी ने बताया कि यह कुर्ते की भेंट इन्हीं धनी व्यक्ति की है। 

कुर्ता उलटा पहनने पर कबीर बोले कपड़े शरीर की उपयोगिता के लिए होते हैं, अपनी इज्जत को ढ़कने के लिए होते हैं, दिखावे के लिए नहीं। मलमल का भाग शरीर को स्पर्श होना चाहिए था इसलिए इसे उलटा पहना है। दिखाने के लिए तो साधारण हिस्सा ही काफी है। धनी व्यक्ति को और अन्य लोगों को यह बात समझ आ गई कि कबीर जो बोलते हैं, उसे अपने जीवन में उतारते भी हैं।

Niyati Bhandari

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