आप भी ऐसे मिटाएं अपनों से हर ‘फासला’

Sunday, Apr 11, 2021 - 05:19 PM (IST)

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‘‘आज तुमने फिर सिगरेट पी?’’ प्रियंका ने मुंह सिकोड़ते हुए अपने पति प्रशांत से पूछा।

‘‘आज एक पुराना दोस्त मिल गया था।’’

‘‘आपसे कितनी बार कहा है मुझे सिगरेट पीना बिल्कुल पसंद नहीं है। आप ने वायदा भी किया था छोडऩे का पर...! आप जानते हैं हमारे बेटे कृष पर कितना गंदा प्रभाव पड़ेगा आपके इस ऐब का...।’’

तर्क बढ़ते-बढ़ते तनाव में बदल गया। प्रियंका व प्रशांत के अहं टकराने लगे। वे पढ़े-लिखे थे तथा दोनों ही अच्छी क पनियों में काम करते थे। शादी भी आपसी पसंद से हुई थी।

तनाव और बहस इस कदर बढ़े कि तलाक तक की नौबत आ पहुंची। कोई झुकने को तैयार नहीं था। लगभग एक वर्ष गुजर गया। 7 वर्षीय कृष अपनी मां के साथ रह रहा था तो प्रशांत ने क पनी में ही अलग से आवास ले लिया था। आज कोर्ट में तारीख थी।

‘‘जी कृष की कस्टडी मां को दी जाए। बच्चे के पालन-पोषण में मां की भूमिका सर्वोपरि है।’’ 

प्रियंका के वकील ने तर्क दिया।

‘‘पिता बेटे कृष से बेहद प्यार करते हैं। कृष रात को पिता के साथ ही सोया करता था। जब से कृष मां के पास है उसकी सेहत में भी गिरावट आई है। अत: कृष उसके पिता को सौंपा जाए।’’ प्रशांत के वकील की अपनी दलील थी।

जज साहिबा ने कृष से पूछा, ‘‘बेटा कृष तुम बताओ। किस के साथ रहना चाहोगे अपनी मां के साथ या अपने पिता के साथ। जहां तुम चाहोगे वहीं...।’’

कृष यह सुनकर रो पड़ा तथा रोते-रोते बोला, ‘‘मैडम। मुझे म मी व पापा दोनों ने ही मिल कर जन्म दिया है। मैं दोनों का ही बेटा हूं।’’

‘‘मैं इन दोनों को बहुत प्यार करता हूं तथा ये दोनों ही मुझे भी। मैं दोनों का प्यार होने के साथ-साथ दोनों की जिम्मेदारी भी हूं। आप फैसला करें कि ये दोनों मेरा पालन-पोषण मिल कर करें।’’

यह सुनते ही प्रशांत ने कोर्ट में ही कृष को गोद में उठा लिया। प्रियंका भी भावुक हो उठी। प्रशांत व प्रियंका दोनों की आंखें नम थीं। दोनों को ही अपनी गलती का अहसास हो गया था। प्रशांत, प्रियंका व कृष तीनों आलिंगनबद्ध हो गए। कृष के फैसले  ने ‘फासला’ समाप्त कर  दिया था। —अदित कंसल

Jyoti

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