मां-बाप के अलावा ये व्यक्ति होता है आपकी सफलता का मुख्य कारण

Saturday, May 25, 2019 - 11:54 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
एक नवयुवक ने महान बनने का विचार किया। विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उसने महान व्यक्तियों के बारे में पढ़ डाला। किसी ने गुरुमंत्र दिया कि महान बनने के लिए महान लोगों के संपर्क में रहना आवश्यक है।

अब नवयुवक ने उन सब लोगों के संपर्क में रहना शुरू कर दिया, जो महान साहित्यकार, कलाकार, नेता, विचारक और वैज्ञानिक थे, परंतु उस नवयुवक ने सभी में कोई न कोई दोष देखा। यह सब कुछ देख कर वह निराश होकर शहर से दूर सुनसान सड़क पर निकल आया।

अचानक सड़क पर एक अधेड़ उम्र के एक सज्जन से उसकी भेंट हो गई। उन्होंने नवयुवक से निराशा का कारण पूछा तो युवक बोला, ‘‘अगर मैं विद्वान और महान दोनों बनना चाहूं तो मुझे क्या करना होगा?’’

तब उस व्यक्ति ने उत्तर दिया कि महान बनने के लिए महान बनने की इच्छा और विद्वान बनने के लिए विद्वान बनने की इच्छा त्यागनी पड़ती है। नवयुवक बोला, ‘‘आप कैसी बात कर रहे हैं? यह कैसे संभव है?’’

उस व्यक्ति ने कहा, ‘‘मैं ठीक कह रहा हूं, महान बनने के लिए छोटा और विद्वान बनने के लिए विद्यार्थी बनना पड़ता है।’’

युवक बोला, ‘‘आपने तो मेरी आंखें खोल दीं। लगता है आप कोई महापुरुष हैं या फिर विद्वान।’’ वह व्यक्ति बोला, ‘‘नहीं, मैं कुछ नहीं, मगर मैंने लोगों को बनाया है।’’

युवक, ‘‘बड़ी ही अजीब बात है, आप दूसरों को महान और विद्वान बना सकते हैं तो खुद क्यों नहीं बन जाते?’’

तब उस व्यक्ति का उत्तर था, ‘‘क्योंकि मैं एक अध्यापक हूं।’’

दरअसल हम महान बनने की इच्छा तो रखते हैं पर महान बनने के लिए जो रास्ता है उस पर नहीं चलते। इसलिए उपयुक्त ज्ञान अर्जित कर उसे सही दिशा में लगाया जाए तो काफी फायदा मिलेगा।
 

Jyoti

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