अनेकों धर्म ग्रंथों की हुई जिससे रचना, 6000 वर्ष से भी पुरानी है वो ‘संस्कृत’ भाषा !

Sunday, Apr 24, 2022 - 11:54 AM (IST)

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आज भले ही संस्कृत को किसी ‘फैंसी’ भाषा के तौर पर देखा जाता हो लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इसे कम्प्यूटर के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। संस्कृत भारत से जुड़ी प्राचीन भाषा है। इसे दुनिया की प्राचीनतम भाषा माना जाता है जो कम से कम 6000 वर्ष या इससे भी अधिक पुरानी है। यह भी माना जाता है कि हिन्दी, उर्दू, बंगला, मराठी, गुजराती, उड़िया, पंजाबी, असमी, गुरखाली और कश्मीरी आदि आर्य भाषाएं संस्कृत की परम्परा से उत्पन्न हुई हैं।



संस्कृत को देवभाषा माना जाता है जो मूलभूत आवाजों से बनी है। यह भाषा ‘सिस्टेमैटिक’ तरीके से विकसित हुई है जिसमें ध्वनियों का उपयोग प्राकृतिक तरीके से होता है। इसमें स्वर, अर्धस्वर और व्यंजनों को मिलाकर कुल 49 अक्षर शामिल हैं। प्रत्येक अक्षर से एक ध्वनि निकलती है जो सृष्टि से संबंधित है। इसकी लिखित वर्णमाला को देवनागरी कहा जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘देवताओं की नगरियां’। हालांकि इसे पहले ब्राम्ही लिपि में भी लिखा जाता था।



संस्कृत को सभी आर्य भाषाओं की मूल भाषा सिद्ध करते हुए मैक्समूलर ने लिखा था कि इसमें जितने शब्द हैं, वे संस्कृत की महज 500 धातुओं से निकले हैं। संस्कृत में वाक्यों की संरचना अपेक्षाकृत आसान होती है। शब्दों को इधर-उधर रखने पर भी वाक्यों के मायने स्पष्ट हो जाते हैं। भारत के अलावा नेपाल और इंडोनेशिया भी संस्कृत का इस्तेमाल करते हैं।

Jyoti

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