ये हैं देश के वो मंदिर जो वैज्ञानिकों के लिए आज तक भी है एक रहस्य

Sunday, May 10, 2020 - 08:08 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि हम आपको पहले भी आपको बता चुके हैं कि हमारे देश में ऐसे कई मंदिर है, जिनसे जुड़ी ऐसी मान्यताएं हैं, जो किसी रहस्य से कम नहीं है। बल्कि इनमेंसे कुछ मंदिर तो ऐसे हैं, जिनका रहस्य वैज्ञानिक तक नहीं सुलझा पाएं हैं, और हार मान चुके है। कहने का अर्थ है आज भी ये तमाम मंदिर एक ऐसा गुत्थी बने हुए हैं जिसे कोई सुलझा नहीं पाया है। इससेपहे कि आप अपने दिमाग पर ज़ोर डालें कि आख़िर कौन-कौन से है ये मंदिर हम आपको बता देते हैं इन मंदिरों के बारे में। 

जगन्‍नाथ मंदिर: 
कानपुर के बेहटा गांव में स्थित भगवान जगन्‍नाथ जी के मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मंदिर की छत मानसून के दस्‍तक की जानकारी पहला ही दे देता वो भी अलग अंदाज़ में। लोक मत के अनुसार इस मंदिर में मानसून आने से ठीक 15 दिन पहले मंदिर की छत से पानी टपकने लगता है। इसी से आस-पास के लोगों को बारिश के आने का अंदाजा हो जाता है। कहते हैं कि इस मंदिर की छत से टपकने वाली बूंदों के हिसाब से ही बारिश भी होती है। यदि मंदिर की छत से बूंदे कम गिरें तो यह माना जाता है बारिश कम होगी। इसके उलट अगर ज्‍यादा तेज़ और देर तक बूंदे गिरीं तो यह माना जाता है कि बारिश खूब होगी। कहा जाता है बहुत से वैज्ञानिक और पुरातत्‍व विशेषज्ञों ने मंदिर से गिरने वाली बूंदों की पड़ताल की। लेकिन सदियां बीत गई हैं इस रहस्‍य के बारे में कोई नहीं जान पाया। 


गंगा मंदिर:
गढ़मुक्‍तेश्‍वर में स्थित गंगा मंदिर के रहस्‍य को भी कोई वैज्ञानिक सुलझा नहीं पाया। मंदिर को लेकर मान्यता है मंदिर में स्‍थापित शिवलिंग पर प्र‍त्‍येक वर्ष एक अंकुर उभरता है। जिसके फूटने पर भगवान शिव और अन्‍य देवी-देवताओं की आकृतियां निकलती हैं। इस विषय पर काफी रिसर्च वर्क भी हुआ लेकिन शिवलिंग पर अंकुर का रहस्‍य आज तक कोई समझ नहीं पाया है। 

बाबा भैरव मंदिर कांगड़ा- 
कांगड़ा में स्थित इस भैरव मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां एक अनोखी प्रतिमा है, जिसमें आसूं निकलते हैं। यहां आसपास के क्षेत्रों में जैसे ही कोई परेशानी आनी वाली होती है तो भैरव बाबा की इस मूर्ति से आंसुओं का गिरना शुरू हो जाता है। स्‍थानीय नागरिक इसी से आने वाली समस्‍याओं का पता लगाते हैं।

Jyoti

Advertising