दलाही कुंड: इस तालाब में मात्र ताली बजाने से अपने आप निकलने लगता है पानी

Saturday, Dec 30, 2017 - 12:49 PM (IST)

कुदरत के भीतर कई राज छुपे हुए हैं। इंसान सदियों से इन राजों को जानने की कोशिश करता रहा है जिन पर से अब तक पर्दा नहीं हट पाया है। सच और रहस्य की इस दूरी को कम या खत्म करने का सिलसिला बहुत पुराना है। ऐसा ही एक रहस्य है झारखंड के बोकारो जिले के इस कुंड में। ऐसा कुंड जहां ताली बजाने से पानी अपने आप निकल आता है। तालाब में पानी इतनी तेजी से निकलता है मानो किसी बर्तन में पानी उबल रहा हो। इतना ही, नहीं इस कुंड की खासियत है कि यहां सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडा पानी निकलता है।

 

मन्नत होती है पूरी-
बोकारों शहर से 27 कि.मी. दूर इस अनोखे कुंड में नहाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। लोगों का मानना है कि इस पानी में जो कोई भी मन्नत मांगता है वह पूरी हो जाती है। लोग मानते हैं कि इस कुंड के पानी मे में एक बार नहा लेने के बाद से किसी भी तरह का चर्म रोग नहीं होता। कुंड से निकलने वाला पानी जमुई नामक छोटे नाले से होते हुए गरगा नदी में मिलता है। इसे दलाही कुंड के नाम से जाना जाता है। कंक्रीट की दीवारों से घिरा हुआ ये छोटा जलाशय बेहद साफ और औषधीय गुणों वाला है। 

संक्रांति में लगता है मेला-
वर्ष 1984 से यहां हर साल मकर संक्रांति पर मेला लगता है। लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं। कुंड के पास दलाही गोसाईं नामक देवता का स्थान है। यहां हर रविवार लोग पूजा करने पहुंचते हैं।

 

बन सकता है पर्यटन केंद्र-
2011-12 में पर्यटन विभाग ने इसकी दीवार बनवाई। इसके बाद इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन प्रशासन चाहे तो यह बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है। यहां जाने का रास्ता बोकारो से करीब 27 कि.मी. दूर। सड़क से जगासुर तक उसके बाद कच्चे रास्ते पर करीब 300 मीटर पैदल चलना पड़ता है।

 

 

तेलंगानाः ताली बजाओ, नंदी के मुंह से पानी पाओ-
तेलंगाना के करीमनगर जिले में कल्वाश्रीरामपुर मंडल में स्थित एदुलापुर पहाड़ी पर भगवान शिव का मंदिर है। वहां भी नंदी के सामने ताली बजाने पर उसके मुंह से पानी निकलता है। 

वैज्ञानिक भी नहीं लगा सके पता-
इस अनोखे कुंड पर वैज्ञानिकों ने कई बार शोध किए कि आखिर यहां पानी आता कैसे है, लेकिन आज तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है। रिसर्चर्स का कहना है कि ताली बजाने से म्यूजिक वेव्स की वजह से पानी पर असर पड़ता है लेकिन यह ऊपर कैसे आता है यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।

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