असली शिक्षा क्या है ?

Friday, Jan 17, 2020 - 05:30 PM (IST)

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एक बार कुछ बालक स्वामी विवेकानंद से शिक्षा पर बातें कर रहे थे। स्वामी विवेकानंद उनसे बोले, ''क्या तुममें से कोई बता सकता है कि शिक्षा क्या होती है?

”एक विद्यार्थी बोला, ''स्वामी जी, विद्या ग्रहण करना ही शिक्षा कहलाती है।”

फिर उन्होंने पूछा कि शिक्षा का क्या उद्देश्य है? इस पर विद्यार्थियों की राय अलग-अलग थी। सभी विद्याॢथयों से उनकी राय जानने के बाद स्वामी विवेकानंद बोले, “बालको, शिक्षा वह है जिससे मनुष्य की शक्तियों का विकास हो। यह शब्दों को रटना मात्र नहीं है। यह व्यक्ति की मानसिक शक्तियों का ऐसा विकास है, जिससे वह आजादी से कुछ तय कर सके।”

तभी एक विद्यार्थी बोला, “स्वामी जी, शिक्षा से हम नई-नई बातें भी तो सीखते हैं।”

यह सुनकर स्वामी जी बोले, ''तुम्हारी बात ठीक है बालक लेकिन नई जानकारी का अर्थ यह नहीं कि उसमें अधकचरी और ऐसी बातें हों जिन्हें तुम पचा ही न पाओ। शिक्षा जीवन-निर्माण करती है, चरित्र सुगठित करती है, विचारों में सामंजस्य पैदा करती है और दुर्भावनाओं पर नियंत्रण करना भी सिखाती है। शिक्षा तभी सार्थक होती है जब विपरीत परिस्थिति में भी शिक्षा का सही प्रयोग करके विजय प्राप्त की जाए। व्यक्ति शिक्षा का सदुपयोग कर न केवल अपना और अपने परिवार का, बल्कि पूरे देश का भला करता है।

स्वामी जी की बातें सुनकर वहां उपस्थित विद्यार्थी एक स्वर में बोले, ''स्वामी जी, आज से हम भी शिक्षा ग्रहण कर हर अशिक्षित व्यक्ति को शिक्षित करने का प्रयास करेंगे। जो गलत और रूढ़ीवादी बातें लोगों में भ्रम बनकर फैली हैं, उन्हें दूर करेंगे।”

"विद्यार्थियों की बातें सुनकर विवेकानंद बोले, “अगर तुम सब आज से ही ऐसा करना प्रारम्भ कर दोगे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में तकनीकी ज्ञान भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगा और तकनीकी स्तर पर भी भारत विश्व के सामने नई उदाहरण पेश करेगा।”

Jyoti

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