व्रत के दौरान न करें ये गलतियां, हनुमान जी भर-भर कर बरसाएंगे अपनी कृपा

Tuesday, Jan 28, 2020 - 11:36 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जिनको श्री राम का वरदान है, गदा धारी जिनकी शान है,
बजरंगी जिनकी पहचान है, संकट मोचन वो हनुमान है।

भगवना शंकर के रुद्र रूप तथा श्री राम के परम भक्त कहलाने वाले हनुमान जी को संकटमोचन के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में इनका वर्णन ज्यादातर श्री राम के परम भक्त के रूप में ही मिलती है। इसमें किए उल्लेख के अनुसार श्री राम के वनवास काल के दौरान रावण द्वारा श्री राम की अर्धांगिनी माता सीता का अपहरण करने के उपरांत उनको उसके चगुंल से छुड़ाने में इन्होंने अपने आराध्य की हर संभव मदद की। कहा जाता है ठीक वैसे ही ये अपने एवं श्री राम के सच्चे भक्तों की भी मदद करते हैं। मान्यता है अगर कोई भक्त किसी भी प्रकार की मुसीबत में फंस जाता है तो पवनपुत्र हनुमान जी स्वयं उसकी रक्षा करते हैं और उसके सभी संकटों को हर लेते हैं। यही कारण है कि इन्हें संकटमोचन कहा जाता है। 

ज्योतिष शास्त्र में हिंदू धर्म के प्रत्येक देवी-देवता को सप्ताह के एक-एक दिन समर्पित है, जिसके अनुसार पूजा करने से जातक को कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार शनिवार के दिन भी इनकी पूजा की जा सकती है। परंतु अधिकतर लोग मंगलवार का दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने में जुटे होते हैं। इसके चलते भक्त इनकी कृपा पाने के लिए व्रत आदि रखते हैं साथ ही साथ इनकी विधि विधान से इनकी पूजा भी करते हैं। परंतु वहीं ऐसे भी बहुत से लोग होते हैं जो व्रत आदि रख लेते हैं मगर उसका सही से पालन नहीं कर पाते। इसका कारण इन्हें इस से संबंधित पूरी जानकारी न होना है। जिसके चलते लोग बजरंगबली की कृपा से वंचित रह जाते हैं। तो अगर आप चाहते हैं हनुमान जी भर-भर कर आप पर अपनी असीम कृपा बरसाए तो आगे दी गई व्रत विधि का पालन ज़रूर करें। 

व्रत के नियम
शास्त्रो के अनुसार मंगलवार के दिन इनका व्रत करना चाहिए। अगर किसी कारणवश न इस दिन व्रत न कर पाएं तो शनिवार के दिन इनका व्रत कर सकते हैं।  
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह निर्बल हो, उन्हें विशेषतौर पर इस व्रत का पालन करना चाहिए। इससे सिर्फ़ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है बल्कि अपने ईष्ट देव की भी कृपा प्राप्त होती है।परंतु जिन जातकों की कुंडली में मंगल प्रबल हो, उन्हें इस व्रत को करने की मनाही होती है। 

व्रत से मिलने वाले लाभ
शास्त्रों के मुताबिक मंगलवार को व्रत करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही साथ इसे करने वाले जातक के जीवन में सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ की वृद्धि होती है।
इसके अलावा जिस दंपित्त के जीवन में संतान सुख न हो उन्हें भी इस व्रत को ज़रूर करना चाहिए। ऐसी मान्यता है इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को सूनी गोद भर जाती है।  

व्रत विधि
इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि एख बार जब इस व्रत को आरंभ कर लें तो कुल 21 मंगलवार तक इसे निरंतर करें। 
व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व नित्य कर्म, स्नान आदि के उपरांत घर की ईशान कोण की दिशा में एकांत स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर लें। कोशिश करें कि इस दिन लाल वस्त्र पहनें। 
पूजन स्थान पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र पर पुष्प माला चढ़ाकर चमेली के तेल का छिड़काव करें।
अब मंगलवार व्रत कथा पढ़ें और उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद सभी में व्रत का प्रसाद वितरित कर स्वयं प्रसाद ग्रहण करें। 
ध्यान रहे पूरे दिन में केवल 1 बार भोजन करें। रात्रि में सोने से पूर्व एक बार फिर हनुमान जी की पूजा करें।

शाम को करें ये काम
सूर्यास्त के बाद हनुमान जी के मंदिर या घर में स्थापित हनुमान की प्रतिमा के समक्ष साफ़ आसन पर बैठ जाएं।
अब इनके सामने सरसों के तेल का चैमुखा दीपक जलाएं।
फिर अगरबत्ती, पुष्प आदि अर्पित करें
सिंदूर के साथ चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए, ध्यान रहे दीपक दिखाते समय हनुमान जी के निम्न मंत्रों का जप करके आख़िर में हनुमान चालीसा का पाठ ज़रूर करें।
ॐ रामदूताय नम:
ॐ पवन पुत्राय नम:


 

Jyoti

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