जाप मिटाए ताप, एक बार अवश्य Try करें

Wednesday, Jun 10, 2020 - 12:03 PM (IST)

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यूं तो कठिनाई आने पर विविध उपाय किए जाने की मान्यता रही है। फिर भी विशेष मंत्रों का जाप करने से कई ताप मिट जाते हैं। प्रस्तुत हैं कुछ साधारण उपाय और जाप का निर्देशन :

शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाईं देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रख कर आ जाएं।

ताम्बे के एक लोटे में जल लें और उसमें थोड़ा सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को अपने सिरहाने रख कर रात को सो जाएं। प्रात: उठकर सबसे पहले उस जल को तुलसी के पौधे में चढ़ा दें। ऐसा कुछ दिनों तक करें। धीरे-धीरे आपकी परेशानी दूर होती जाएगी।

यदि किसी की अर्थी में जाना हो तो लौटते वक्त श्मशान में कुछ सिक्के फैंकते हुए आ जाएं। पीछे पलटकर न देखें। इस उपाय से अचानक आई बांधा तुरंत ही समाप्त हो जाएगी और दैवीय सहयोग मिलने लगेगा।

लक्ष्मी माता की प्रसन्नता के लिए गूलर की जड़ को वस्त्र में लपेट कर चांदी के ताबीज में भरकर अपनी बाजू पर बांधें तो आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहेगी। लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और भाग्य सदा आपके साथ रहेगा। मंत्र जपें- ॐ श्रीं ऐश्वर्य लक्ष्मयै हृीं नम:।  

सुख-समृद्धि के लिए हर रोज़ घर में रामायण पढ़नी चाहिए। संभव न हो तो श्लोकी रामायण का पाठ करें। इस एक मंत्र के जाप से पूरी 'रामायण' पढ़ने का पुण्य प्राप्त होता है। रुद्राक्ष की माला पर इस मंत्र का जाप करें-
आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।। 
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।दि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।। 
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।

Niyati Bhandari

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