अगर आपका घर भी है मंदिर के पास तो ये करना न भूलें

Tuesday, Jul 23, 2019 - 01:13 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
ऐसे बहुत से लोग बिना अपने आस-पास का वातावरण देखें ही घर बना लेते हैं। लेकिन एक बात का ध्यान हर किसी को रखना चाहिए कि घर लेते समय उसके आस-पास का माहौल कैसा होना चाहिए। वास्तु के हिसाब से घर श्माशान के पास तो बिलकुल भी नहीं लेना चाहिए। वहीं अगर मंदिर के पास घर लेने की बात की जाए तो इस बात को लेकर कुछ वास्तु शास्त्री कहते हैं कि मंदर के पास भी नहीं रहना चाहिए। मंदिर के पास घर खरीदने से पहले उसकी दिशा के बारे में जान लेना बहुत जरूरी है। चालिए वास्तु के हिसाब से बताएंगे, इसके बारे में कुछ ओर मजेदार बातों के बारे में।    

मंदिर के पास नहीं होना चाहिए घर 
जो कोई वास्तु विज्ञानी यह कहता है कि मंदिर के पास नहीं रहना चाहिए उसे यह भी समझना होगा कि तीर्थ स्थलों में असंख्य मंदिर होते हैं और वहां के घर या मकान सभी किसी न किसी मंदिर के पास ही होते हैं। उन सभी लोगों का जीवन बुरा नहीं है बल्कि सामान्य जीवन की तरह ही चल रहा है।

शांति प्रिय माहौल 
कुछ वास्तु विज्ञानी के अनुसार मंदिर के पास रहने का आपको सिर्फ एक ही नुकसान हो सकता है और वह यह कि आपको दिनभर मंदिर की गतिविधियों का सामना करना होगा। यदि आप शांति प्रिय हैं तो मंदिर की घंटियों को अपने लिए शांति का साधन बना सकते हैं या अशांति की, यह आपके दिमाग पर निर्भर करता है। 

सही दिशा
कहते हैं कि प्रात:काल मंदिर की 'छाया' भवन पर पड़ना 'शुभ नहीं' होता है। ऐसा भवन देवताओं की कृपा से वंचित रह जाता है। दरअसल, इसके पीछे वैज्ञानिक कारण को जानना जरूरी है। मंदिर ही नहीं, कोई भी यदि बड़ा भवन है और उसकी छाया प्रात:काल आपके घर पर पड़ रही है तो आप सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने से वंचित रह जाएंगे। 

घर लेने से पहले सही दिशा के बारे में जान लेना आवश्यक है। ऐसे में कुछ लोग सलाह देते हैं कि मंदिर के उत्तर या पूर्व में रहना चाहिए है ताकि दक्षिण आदि के ताप से बचा जा सके। यदि मंदिर की छाया आपके घर पर नहीं पड़ रही है तो आप किसी भी दिशा में रह सकते हैं। यहां यह जानना जरूरी है कि सिर्फ मंदिर के कारण दोष उत्पन्न नहीं होता, बल्कि आपके घर के पास बने ऊंचे भवनों की दिशा के कारण भी दोष होता है।

मंदिर के पास ही हो घर तो करें ये काम
अगर आप ऐसी जगह पर पहले से रह रहें हैं तो घर की जिस दिशा में शिव मंदिर हो, उस दिशा की ओर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने से वास्तुदोष दूर हो जाता है। लेकिन यदि शिव मंदिर घर के ठीक सामने हो, तो घर की मुख्य दहलीज में तांबे का सर्प गाड़ देना चाहिए।

यदि भगवान भैरवनाथ का मंदिर ठीक सामने हो तो कौवों को अपने मुख्य द्वार पर रोज रोटी खिलानी चाहिए।

किसी देवी मंदिर के कारण उत्पन्न वास्तुदोष है तो उस देवी के अस्त्र के प्रतीक की स्थापना अपने घर के प्रमुख द्वार पर करनी चाहिए अथवा उसका चित्र लगाया जा सकता है। 

घर के पास अगर भगवती लक्ष्मी का मंदिर हो तो द्वार पर कमल का चित्र बनाएं या भगवान विष्णु का चित्र लगाकर उन्हें नित्य कमल गट्टे की माला पहनाएं।

मंदिर भगवान विष्णु का हो तो भवन के ईशान कोण में चांदी या तांबे के आधार पर दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना कर उसमें नियमित जल भरना व उसका पूजन करना चाहिए। 

अगर राम का मंदिर हो तो घर के मुख्य द्वार पर तीर विहीन धनुष का दिव्य चित्र बनाना चाहिए।

भगवान कृष्ण का मंदिर हो तो ऐसी स्थिति में एक गोलाकार चुंबक को सुदर्शन चक्र के रूप में प्रतिष्ठित करके स्थापित करना चाहिए।

Lata

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