Kundli Tv- अगर आपका भी दिल है टूटा तो ये जरूर पढ़ें
Monday, Sep 17, 2018 - 09:37 AM (IST)
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इस संसार में मनुष्य शांति चाहता है। शांत रहना मनुष्य का स्वभाव है परन्तु आजकल की जीवनशैली के कारण अशांत हो गया है। जीवन में भाग-दौड़ मची है। मनुष्य आज शांति से रह नहीं पा रहा है। मन में अशांति है। मनुष्य शांति के लिए इधर-उधर भटक रहा है। वह शांति पाने के लिए कभी मंदिर में, कभी किसी सत्संग में या किसी महापुरुष के पास जाता है किंतु शांति नहीं मिलती। शांति पाने के लिए बहुत तपस्या, यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। यदि हम यहां बताए सूत्रों का अपने जीवन में पालन करेंगे तो मन अवश्य ही शांत होगा :
वर्तमान में जीना सीखें : भविष्य की चिंता छोड़कर वर्तमान में जीना सीखें। आने वाले समय के लिए वर्तमान को नष्ट न करें। जो है उसी में संतोष करें। संतोष ही सबसे बड़ा धन है।
मन को खाली न रखें : मन को खाली न रहने दें, उसे किसी न किसी काम में लगाकर रखें। खाली दिमाग शैतान का घर होता है। उसे किसी अच्छे विचार में लगाकर रखें।
ईर्ष्या की भावना से बचें और समदृष्टि रखें : किसी से ईर्ष्या न करें। किसी से वैरभाव न रखें। शत्रु मित्र, मान-अपमान, उन्नति-अवनति आदि में सम रहें।
किसी की निंदा स्तुति न करें : परचर्चा या परनिंदा में समय का नाश न करें। अपने में मस्त रहें।
कभी भी काम को टालें नहीं : सभी कार्य समय पर करें। ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे बाद में आपको पछताना पड़े। किसी को तब तक परामर्श न दें, जब तक आपसे पूछा न जाए: बहुत से लोग अनावश्यक दूसरों के काम में अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हैं जिससे मन में अशांति आती है।
उतना ही कार्य हाथ में लें जितना पूर्ण करने की आप में क्षमता हो : आप में जितनी कार्य क्षमता है, उतना ही कार्य करें और आवश्यक कार्य ही करें।
प्रतिदिन ध्यान करें : ध्यान करने से एकाग्रता आती है। एकाग्रता से मन शांत होता है। अत: समय निकाल कर प्रतिदिन घर में किसी एक सुखद आसन पर ध्यान का अभ्यास करें।
पुरानी बातों को भूलना और दूसरों को क्षमा करना सीखें : किसी से पुरानी कुछ गलतियां हो गई हों तो उन्हें भूल कर आगे के बारे में सोचना चाहिए। यदि किसी से गलती हो जाए तो उसे क्षमा कर दें।
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