यदि आपका जन्म 16 जुलाई और 16 अगस्त के बीच हुआ है

Tuesday, Jun 27, 2017 - 02:06 PM (IST)

आप का चित्त चलायमान और उद्विग्न रहते हुए भी निरंतर क्रियाशील रहता है। ऐसे व्यक्ति हृदय की बात को सहसा प्रकट नहीं करते और पवित्र आदर्शों पर कायम रहने की चेष्टा करते हैं परन्तु उनके विचारों में हवाई किले बांधने की प्रवृत्ति बहुत होती है। इनकी प्रकृति और मानसिक अवस्था में इतनी चंचलता रहती है कि दूसरे से एकरस व्यवहार नहीं रख सकते। एक बात को छोड़कर नई के पीछे लग जाना और उसमें सहानुभूति तथा सफलता की आशा करने का इनका स्वभाव है। ऐसे व्यक्ति विवेकशील, स्वतंत्र प्रकृति के तथा अनेक कार्यों में दक्ष होते हैं। ऐसे जातक व्यापार में कुशल होते हैं और धन तथा सम्मान के लिए सचेष्ट रहते हैं। इन व्यक्तियों में धार्मिक वृत्ति भी पाई जाती है। 


ऐसी स्त्रियां परिश्रम करने वाली तथा हुकूमत करने की इच्छा करने वाली होती हैं। चंद्रमा की राशि में सूर्य होने के कारण इनकी चित्त-वृत्ति इतनी बदलती रहती है कि कभी एक स्वभाव की ओर तो कभी दूसरे स्वभाव की ओर हो जाती है और इस कारण ऐसी स्त्रियां आवेश में आ जाती हैं परन्तु थोड़ी देर में शांत हो जाती हैं।


धन संग्रह बड़ी कठिनाई से होगा और जो होगा उसको संतान या संबंधी नष्ट करते रहेंगे। ताश, घुड़दौड़ सट्टे या चोरी द्वारा धन हानि की काफी आशंका होती है परन्तु जीवन के उत्तराद्र्ध में धनी होने की संभावना होती है। युवावस्था में अपनी पसंद के मुताबिक व्यवसाय करने के मार्ग में काफी रोड़े अटकाए जाएंगे। अपने कुटुम्ब के अलावा दूसरे कुटुम्ब से विशेष संबंध रहेगा। संतान काफी चिंता उत्पन्न करती रहेगी। उनको अच्छी प्रकार कारोबार में लगाने में कठिनाई होगी, परन्तु सबसे बड़ी संतान उच्च पद पर पहुंचेगी।


ऐसे व्यक्ति प्राय: विवाह करना नहीं चाहते और विवाह हो जाने पर भी पति-पत्नी संबंध प्रेममय नहीं रहता। पति या पत्नी को जायदाद मिलने की संभावना होती है परन्तु बाद में मुकद्दमे में सफलता मिलने पर। यात्राएं काफी लम्बी होंगी और उनसे लाभ भी होगा और एक बड़ी यात्रा के बाद प्रसिद्धि भी प्राप्त होगी। स्थान परिवर्तन से धन तथा व्यवसाय दोनों को हानि होगी क्योंकि ऐसे मनुष्यों के सम्पर्क में आना होगा जिनसे 14, 26 और 30 वर्ष की आयु में क्षति की संभावना है।


35वें वर्ष के करीब जातक के जीवन क्रम में एक परिवर्तन आएगा, अच्छे से बुरा या बुरे से अच्छा। उसके बाद एक सा क्रम चलता रहेगा। जातक के बहुत से मित्र और सहायक होंगे। इस समय में उत्पन्न स्त्रियों को संबंधी पुरुषों द्वारा तथा ऐसे पुरुषों को उच्च श्रेणी की स्त्रियों द्वारा लाभ की संभावना है परन्तु किसी ऐसे सहायक की सहसा आर्थिक क्षति हो जाने के कारण जातक के भाग्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।


20, 32 तथा 40वें वर्ष में मित्र रूप में ज्ञात होते हुए परन्तु वास्तव में गुप्त या प्रकट शत्रुओं के षड्यंत्र से या विश्वासघात से क्षति की संभावना है। साधारणत: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा परन्तु फेफड़ों तथा पेट को विशेष सुरक्षित रखना चाहिए। इन जातकों पर चंद्रमा का विशेष प्रभाव रहने के कारण जल मार्ग से, समुद्र पार की वस्तुओं से तथा साहित्य आदि से इन्हें विशेष लाभ हो सकता है। इन्हें अकारण चिंता होती है इसलिए चित्त में दृढ़ता रहनी चाहिए। इनके लिए मोती, ओपल तथा मूल स्टोन पहनना लाभदायक है।


‘वराहमिहिर’ के मतानुसार ऐसे व्यक्ति तीक्ष्ण, शीघ्र कार्य करने वाले तथा दूसरों के अधीन काम करते हैं। इन्हें काफी क्लेश और परिश्रम उठाना पड़ता है। ‘सारावली’ के मतानुसार ऐसा व्यक्ति कर्म करने में चपल, विख्यात, अपने पक्ष से भी द्वेष करने वाला, पिता आदि की आज्ञा न मानने वाला, दूसरों के कथन तथा देश के विषय में जानकारी रखने वाला होता है। इसे जीवन में काफी श्रम उठाना पड़ता है। कफ तथा पित्त कुपित होने से रोग होते हैं। यह स्वयं देखने में स्वरूपवान होते हैं परन्तु इन्हें पति या पत्नी उतने सुंदर नहीं मिलते। कभी-कभी अन्य ग्रहों की दृष्टि के कारण उपर्युक्त फल में अंतर हो जाता है। अंग्रेजी ज्योतिष के अनुसार कुछ बैंगनी या हल्का जामुनी रंग, सोमवार तथा 2 की संख्या शुभ होगी। 

Advertising