Kundli Tv-  अगर आप चाहते हैं Intelligent संतान, ये व्रत न छोड़े

Sunday, Jun 17, 2018 - 01:31 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

16 जून शनिवार को ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि है। इस दिन स्वर्ग की अप्सरा रम्भा के निमित्त व्रत रखने का विधान है। सुहागन महिलाएं अटल सौभाग्य और कुशाग्र बुद्धि वाली संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। अविवाहिताएं मन भावन पति की प्राप्ति के लिए इस रोज उपवास करती हैं। मान्यता है की यह व्रत शीघ्रता से अपना प्रभाव दिखाता है। 



यदि विवाहित-अविवाहित महिलाएं व्रत न कर पाएं तो ये उपाय करके भी पति की लंबी उम्र, बुद्धिमान संतान और अच्छे वर की कामना को पूरा कर सकती हैं। इस तिथि में मां लक्ष्मी और देवी सती की प्रसन्नता के लिए विधानपूर्वक पूजन किया जाता है। स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्यदेव के समक्ष दीपक लगाएं। विवाहिताएं पूजा में गेहूं, अनाज और फूल लेकर महालक्ष्मी का पूजन करें। पूजा के वक्त ॐ महाकाल्यै नम:, ॐ महालक्ष्म्यै नम:, ॐ महासरस्वत्यै नम: आदि मंत्रों का जाप करें। 



भारत के बहुत सारे स्थानों में चूड़ियों के जोड़े का पूजन किया जाता है। मान्यता है की ये अप्सरा रम्भा और देवी लक्ष्मी का प्रतीक हैं। इस रोज़ व्रत-पूजन करने से व्यक्ति पाप कर्मों से मुक्त होकर उत्तम लोक में स्थान पाता है। जीवन में वैभव मिलता है तथा मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। दांपत्य कलह समाप्त होती है और उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।



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Niyati Bhandari

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