खुद को बुद्धिमान समझते हो तो बताएं इस बुझारत का उत्तर

Saturday, Feb 13, 2021 - 11:27 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
 
Akbar birbal story: एक दिन राजा अकबर का दरबार लगा हुआ था। एक सौदागर राजा के दरबार में आया। एक सिपाही अंदर गया और उसने राजा को सारी बात बताई। राजा ने तुरंत उस सौदागर को अंदर बुलाया। दरबार में आने पर राजा ने सौदागर से पूछा, ‘‘किस चीज के व्यापारी हो?’’



सौदागर ने तुरंत जवाब दिया, ‘‘हुजूर! मैं बुझारतों का सौदागर हूं। मैं हर राज्य में जाकर राजा को एक बुझारत बताता हूं और साथ में हीरे-जवाहरात की भी शर्त लगाता हूं परंतु अभी तक किसी भी राज्य का राजा मुझसे शर्त नहीं जीत सका है।’’

उसने आगे कहा, ‘‘हुजूर! मैं आपको एक बुझारत बताता हूं। अगर आपने यह बुझारत हल कर दी तो जितने भी हीरे-जवाहरात मेरे पास हैं सब आपके और अगर नहीं बूझ पाए तो जितने भी मेरे पास हीरे-जवाहरात हैं, उतने आपको देने होंगे। मंजूर है यह शर्त?’’



यह सुनते ही सारे दरबार में शांति छा गई। अब राजा को यह बुझारत उसकी इज्जत का सवाल लगने लगी। उसने सौदागर की शर्त को स्वीकार कर लिया।
सौदागर ने अपनी बुझारत कही-

‘कोकल व्हेल कोकल व्हेल, काटी न जाए कोकल व्हेल।’
‘कहियों- कुल्हाड़ियों का लग गया ढेर, कोकल व्हेल कोकल व्हेल, काटी न जाए कोकल व्हेल।’


बुझारत पूछने के बाद सौदागर ने राजा को चार दिनों का समय दिया और वहां से चला गया।



पूरे दरबार में पहले किसी ने भी ऐसी बुझारत नहीं सुनी थी। पहला दिन बीत गया पर किसी को भी कोई उत्तर नहीं मिला। दूसरा दिन भी आ गया और राजा का वजीर बीरबल बुझारत को हल करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा था।

वह सोच रहा था वह चीज काटी जा सकती है, जिसको हम देख सकते हैं और इस बुझारत का जवाब वह ही है, जिसको हम देख सकते हैं। यह सोचता-सोचता वह एक बगीचे में पहुंच गया।


यहां कुछ आदमी पेड़ लगा रहे थे। बीरबल उनके पास गया। अचानक एक मजदूर ने बीरबल के ऊपर पड़ रही परछाईं से गड्डा खोदने के लिए जब टक मारा। बीरबल ने जब देखा कि उसकी परछाईं गड्ढे के अंदर चली गई। अब बीरबल को उस बुझारत का उत्तर मिल गया था क्योंकि किसी भी चीज के साथ परछाईं को नहीं काटा जा सकता है।

वह तुरंत राजमहल पहुंचा और तुरंत उसने सौदागर को बुलाया। वजीर ने तुरंत सौदागर से कहा कि आपकी बुझारत का उत्तर परछाईं है। परछाईं को किसी भी चीज से नहीं काट सकते। सौदागर यह जवाब सुन कर हैरान रह गया क्योंकि इससे पहले उसे किसी ने सही उत्तर नहीं दिया था। वह शर्त के मुताबिक हीरे-जवाहरात देकर वहां से चला गया। राजा अपने वजीर बीरबल से बहुत खुश हुआ और उसे ढेर सारा ईनाम दिया।

Niyati Bhandari

Advertising