पितृ पक्ष 2019: अगर आप ने भी की हैं ये गलतियां तो इन श्रापों से नहीं बच पाएंगे आप

Friday, Sep 20, 2019 - 11:57 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
चाहे कितना ही पड़ा लिखा ज्ञानी, दानी व उच्च पद्वी वाला इंसान क्यों न हो गलती तो उससे भी होती है। कहने का भाव है कि गलती होना लाज़मी है। इसलिए कहा जाता है कि इंसान गलतियों का पुतला है। अब रोज़ मर्रा के जीवन में हम सब में से लगभग हर कोई किसी न किसी तरह की गलती कर बैठता है। जिनका हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ता है। मगर ज्यादातर लोग इन गलतियों को करने के बाद नज़रअंदाज कर देते हैं क्योंकि वो इस बात से अंजान होते हैं कि ऐसा करने से उनको पछताना पड़ सकता है। जी हां शास्त्रों के अनुसर अगर कोई व्यक्ति पितृ पक्ष के दौरान कुछ गलतियों आपको एक नहीं दो नहो बल्कि एकसाथ 24 श्रापों का भागीदार बना सकता है।

शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के सोलह दिन पवित्र रहना चाहिए, किसी को किसी तरह का कष्ट नहीं देना चाहिए। और अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म ज़रूर करना चाहिए। इन सबके अलावा पितृ पक्ष में इन बातों का ध्यान जरूर रखें, नहीं तो ये 24 तरह के श्राप आपको भी लग सकते हैं।

ये हैं वे 24 लोग जिन्हें अनीति और झूठ का सहारा लेने के कारण- सर्वनाश होने के श्राप मिला था।

पितृ पक्ष में अपनों से कभी भी असत्य न कहें या सत्य बात न छुपाएं- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में जब कुंती ने कर्ण के जन्म का रहस्य बताते हुए युधिष्ठिर से कहा कि कर्ण तुम्हारा बड़ा भाई था। तो इस बात से क्रोधित और दुःखी होकर कि इतने समय तक उनसे ये सच्चाई छिपाई गई माता कुंती के साथ संपूर्ण स्त्री जाति को श्राप दे दिया था कि आज के बाद से कोई भी स्त्री गुप्त बात छिपा कर नहीं रख पाएगी।

महाभारत काल के प्रमुख पात्रों में से एक कहे जाने वाले राजा पांडु ने शिकार खेलते समय वहां हिरण के जोड़े को मैथुन करते देखकर उन पर बाण चला दिया। तब दुखी होकर ऋषि किंदम ने राजा पांडु को श्राप दे दिया कि जब भी तुम किसी भी स्त्री से मिलन करोंगे। उसी समय तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।

इसके अलावा माण्डव्य नाम के एक ऋषि को निर्दोष होने पर भी दंड मिलने पर ऋषि ने यमलोक में जाकर यमराज को श्राप दिया था।
अपने स्वरूप को देखकर हंसी उड़ाने पर दुखी होकर नंदी जी ने रावण को श्राप दिया था।

यहां जानें झूठ का सहारा लेने वालें किन पौराणिक पात्रों को श्राप मिले-
ऋषि कश्यप की पत्नी कद्रू ने झूठ बोलने वाले अपने पुत्रों को श्राप दिया था।
स्वर्ग की उर्वशी अप्सरा ने अर्जुन को श्राप दिया था।
तुलसी ने झूठ का सहारा लेने पर भगवान विष्णु को श्राप दिया था।
श्रृंगी ऋषि ने राजा परीक्षित को श्राप दिया था।
राजा अनरण्य ने रावण को श्राप दिया था।
परशुराम जी ने कर्ण को श्राप दिया था।
एक तपस्विनी ने रावण को श्राप दिया था।
महारानी गांधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप दिया था।
महर्षि वशिष्ठ ने वसुओं को श्राप दिया था।
शूर्पणखा ने रावण को श्राप दिया था।
ऋषियों ने साम्ब को श्राप दिया था।
राजा दक्ष ने चंद्रमा को श्राप दिया था।
माया ने रावण को श्राप दिया था।
दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने राजा ययाति को श्राप दिया था।
श्रवण कुमार के माता-पिता ब्राह्मण दंपत्ति ने राजा दशरथ को श्राप दिया था।
नंदी ने ब्राह्मण कुल को श्राप दिया था।
नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया था।
भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को गलती करने पर श्राप दिया था।
तुलसी देवी ने श्रीगणेश को श्राप दिया था।
देवर्षि नारद ने भगवान विष्णु को श्राप दिया था।

Jyoti

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