कोरोना को फैलने से रोकना है तो इस 1 चीज़ का करें दान

Monday, Apr 27, 2020 - 07:33 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

COVID 19: वर्तमान में राहू उच्च राशि अर्थात मिथुन राशि में 23 मार्च 2019 से गोचरस्थ है, यह यहां 23 सितम्बर 2020 तक रहने वाला है।  कोई भी ग्रह उच्च अवस्था में होने पर सबसे अधिक बली होता है, राहू भी इस समय प्रचंड रूप में कोरोना महामारी फैलाने का कार्य कर रहा हैं।  

राहू अपने स्वभाव के अनुसार सदैव छुपकर वार करता है। भारत की कुंडली में राहू लग्न भाव में स्थित है और गोचर में यह 23 मार्च 2019 से भारत वर्ष की कुंडली के द्वितीय भाव पर विचरण कर रहा हैं। यहां से राहू अष्टम भाव को सक्रिय कर रहा है और छिद्र भाव में स्थित केतु की दृष्टि से द्वादश भाव भी सक्रिय है। शास्त्रों के अनुसार अष्टम भाव, अष्टमेश और इस भाव में स्थित ग्रह मृत्युकारक होते हैं।

तृतीय भाव अष्टम से अष्टम होने के कारण मृत्यु के लिए देखा जाता है, इस समय गोचर में शनि बाधकेश, मंगल द्वादशेष और गुरू अष्टमेश होकर युति संबंध में हैं और तीसरे भाव को सक्रिय कर रहे हैं। इसलिए आज स्थिति खतरनाक बनी हुई है। किसी भी भाव का व्यय भाव उस भाव से द्वादश भाव होता है। राहू जब अपनी उच्च राशि से निकल कर वृषभ राशि में गोचर करेगा, उस समय इस पर पूर्ण नियंत्रण होगा।

4 मई 2020 से मृत्यु दर में कमी मंगल के कुंभ राशि में जाने से होनी शुरू हो जाएगी। मृत्यु संख्या पर विराम 16 जून 2020 तक आने के योग हैं क्योंकि इस समय मंगल मीन राशि में गोचर कर भारत वर्ष कुंडली के रोग और रिपु दोनों को नियंत्रित करने का कार्य करेंगे।

यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सितम्बर तक राहू पंचम दृष्टि से शत्रुओं को उकसाने का कार्य करता रहेगा और अष्टम भाव को भी सक्रिय रखेगा, ऐसे में रोग और शत्रु दोनों बार-बार छुपकर आंशिक संख्या में कष्ट देते रहेंगे।

सावधानी के साथ-साथ गुप्त शत्रुओं का संहार ही इस समस्या का समूल नाश कर सकता है। सार में कहें तो कोरोना वायरस से होने वाली मृत्यु दर का ग्राफ 4 मई 2020 के बाद कम होना शुरू होगा, और 16 जून 2020 तक काफी हद तक संख्या कम जो जाएगी, कुछ केस अवश्य बीच-बीच में आएंगे जिन पर सितम्बर 2020 तक नियंत्रण होगा।

राहू वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी देशभक्त भारतीयों का राहु वस्तु जिसमें दवा या सैनिटाइजर भी हो सकता है, का ऑनलाइन दान एक अच्छा उपाय हो सकता है।

 

 

Niyati Bhandari

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