Idana Mata Temple : इस मंदिर में माता करती हैं अग्नि स्नान, नहीं विश्वास तो करो क्लिक

Friday, May 29, 2020 - 02:14 PM (IST)

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हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जिनका रहस्य इतने अद्भुत होते हैं कि सुनने वाले के होश उड़ जाएं। तो वहीं कुछ लोग कुछ चमत्कारों के गवाब खुद होते हैं। अब इतना तो आप समझ ही चुके होंगे कि हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले जिससे यकीनन कोई न कोई अनोखा ही रहस्य जुड़ा होगा। तो आपको बता दें कि आप बिल्कुल सही सोच रहे हैं। जी हां, हम बताएंगे आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां माता रानी ऐसा चमत्कार करती हैं, जिसके बारे में एक बार सुनने पर शायद आप यकीन नहीं कर पाएंगे। इसीलिए हम आपके लिए इससे जुड़ी लगभग संपूर्ण जानकारी लाएं हैं।

दरअसल जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं, वो राजस्थान के उदयपुर शहर से करीबन 60 कि.मी दूर अरावली की पहाड़ियों पर स्थित है। देवी के इस मंदिर को ईडाणा माता मंदिर के नाम से जाना जाता है।

बता दें इस मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है और ये एकदम खुले चौक में स्थित है। लोक मत है कि  इस मंदिर का नाम ईडाणा उदयपुर मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर की जो सबसे खास बात है वो ये है कि यहां महीने में 2-3 बार स्वतः ही अग्नि प्रज्जवलित होती है। जिस दौरान ये अग्नि माता की प्रतिमा को छोड़कर उनके श्रृंगार के सारे समान को स्वाह कर देती है। यहां के लोगों का कहना है कि असल में ईडाणा माता अग्नि में स्नान करती हैं, जिसे देखने के लिए आए दिन यहां भक्तों का मेला लगा ही रहता है। परंतु बता दें फिलहाल लॉकडाऊन के कारण तमाम मंदिर आदि के कपाट बंद हैं। कहा जता है आज तक कोई इस बात का पता नहीं लगा सका कि आख़िर ये आज स्वतः कैसे जलती है। यही कारण है कि आज तक ये मंदिर नहीं बन पाया।

तो वहीं इस मंदिर को लेकर एक मान्यता ये भी है इस मंदिर में जो भी लकवे से पीड़ित रोगी यहां मां के दरबार आता है वो हमेशा के लिए अपने हर तरह के रोग से मुक्ति पाता है। तो दूसरो ओर मंदिर के पुजारियों का कहना है कि ईडाणा माता पर अधिक भार होने पर माता स्वयं ज्वालादेवी का रूप धारण कर लेती हैं। ऐसा कहा जाता है ये अग्नि धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लेती है और इसकी लपटें 10 से 20 फीट तक पहुंच जाती है।

इस मंदिर से जुड़ी एक और किंवदंति ये है कि जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं होती अगर वो यहां आकर त्रिशूल चढ़ाने आते हैं और झूला चढ़ाने आते हैं तो बहुत जल्दी ही संतान सुख प्राप्त होता है।

Jyoti

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