60 और 70 के दशक में खुशहाल जीवन कैसे जिएं

Tuesday, Dec 01, 2020 - 09:31 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

How to be happy in old age: जीवन के बाद के वर्ष सबसे अच्छे होते हैं। सच्चाई यह है कि आपके जीवन का बेहतरीन समय 60 और 70 के दशक तक पहुंच जाने के बाद ही शुरू होता है। कार्य, कर्जे और बच्चों के पालन-पोषण की चिंताएं समाप्त हो चुकी होती हैं और आपके पास एक चीज बहुत अधिक मात्रा में होती है, जिसे पाने के लिए युवा तरसते रहते हैं-अपने जीवन का मजा उठाने के लिए समय। इन दिनों में उम्र वास्तव में कुछ भी करने में बाधा नहीं होती। जब तक आपका स्वास्थ्य और मानसिकता सही है, आप खुशी, आराम और नए अनुभवों के लिए खुले हैं।

यही कारण है कि अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कभी भी अधिक महत्वपूर्ण नहीं रही है। अध्ययनों से पता चला है कि बाद के वर्षों में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित होने की संभावना युवाओं के मुकाबले अधिक होती है, जैसे कि तनाव या चिंता।

हालांकि उनके द्वारा मदद मांगने की संभावना कम होती है। वास्तव में शोध में यह पाया गया कि अवसाद से पीड़ित 85 प्रतिशत वृद्धों को उनकी जरूरत के अनुसार मदद नहीं मिलती है। भूलें नहीं कि यदि आप उदासी तथा चिंता से जूझ रहे हैं तो आपको सलाह और उपचार के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

सकारात्मकता की शक्ति
यदि उम्र बढ़ाने के लिए अन्य सभी के ऊपर एक कारक का चयन करना हो तो वह आशावाद होगा। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, यह आपको वास्तविक लचीलापन दे सकता है। अनुसंधान से पता चला है कि आशावादी दृष्टिकोण वाले लोगों में बीमारियां कम होती हैं और अस्वस्थ होने पर वे निराशावादियों की तुलना में अधिक जल्दी ठीक हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि निराशावाद प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि नकारात्मक या निराशाजनक दृष्टिकोण वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने का खतरा अधिक होता है।

आशावादियों से यह महसूस करने की आशा अधिक होती है कि वे अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं और महज बुढ़ापे की ओर नहीं खिसकते जाएंगे। वे खुद की बेहतर देखभाल भी करते हैं। वे अच्छी नींद सोते हैं, बहुत अधिक नहीं पीते या धूम्रपान नहीं करते हैं, नियमित रूप से व्यायाम करते हैं और अवसाद से मुक्त होते हैं। वे लम्बे समय तक जीते हैं और बुढ़ापे की ओर बहुत नरमी  से जाते हैं। मेरा विश्वास करें यह एक आशावादी मानसिकता पैदा करने के लायक है।

तनाव कम करना सीखें
शायद आपने सुना होगा कि तनाव व्यक्ति को जल्दी बूढ़ा बना देता है और कुछ हद तक यह सच भी है। हालांकि यह उस तरह से नहीं है। तनाव अच्छा और बुरा दोनों तरह का होता है और आप सीख सकते हैं कि बुरे को अच्छे में कैसे बदलना है। इससे मतलब यह है कि तनाव का प्रबंधन करना संभव है ताकि यह हमारी उत्पादकता को कम करने की बजाय बढ़ाए।

तनाव पर प्रतिक्रिया देने के मामले में हम सभी भिन्न होते हैं
कुछ लोग चुनौतियों का सामना करते हुए जीते हैं जबकि अन्य भय और चिंता के साथ प्रतिक्रिया देते हैं।  आप कैसा महसूस करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप व्यक्तिगत तौर पर पहली बार तनाव पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। यदि आप सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हैं तो कोई समस्या नहीं है लेकिन जो लोग तनाव को अच्छी तरह से नहीं संभालते वे कम जीवन जीते हैं। तो तनाव से शांतिपूर्वक निपटना एक लम्बी और खुशहाल जिंदगी सुनिश्चिंत करने के लिए सीखने लायक ट्रिक है।   

Niyati Bhandari

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