जीवन से डर का होगा खात्मा, अगर कर लिया ये काम

Wednesday, Jul 01, 2020 - 06:22 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हर किसी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब उसे कोई न कोई डर घेर लेता है। कुछ लोग इस डर पर जीत हासिल कर लेते हैं तो कुछ लोग इड डर से इतना डर जाते हैं कि अपना जीवन तबाह कर लेते हैं। क्योंकि किन्हीं हालातो पर ये डर इंसान पर हद से ज्यादा हावी हो जाता है। ऐसे में आचार्या चाणक्य की कुछ नीतियां बहुत ही काम आती है। जिन्हें अपनाने से डर जिसे एक खूंखार जानवर कहा जाता है, जो धीरे धीरे किसी भी व्यक्ति को खत्म कर सकता है का हमेशा-हमेशा के लिए अंत हो जाता है। तो आइए जानते हैं कैसे आप भी अपनी इस डर पे काबू पा सकते हैं।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि तब तक ही भय से डरना चाहिए जब तक वह आपके पास न आ जाए और जब भय आपके निकट आ जाए तो उससे घबराकर नहीं बल्कि डटकर उसका मुकाबला करें और उसे नष्ट कर दें।

कहते हैं जो व्यक्ति अपने डर पे काबू नहीं पा पाता, भविष्य में उसका डर उस पर काबू पा लेता है जिस कारण उसके जीवन में बहुत मुश्किलें पैदा होती हैं।

सबसे अहम बात है जिस मनुष्य को अपने मनुष्यत्व का भान होता है, वह कभी भी ईश्वर के सिवा और किसी से नहीं डरता है।

कहते हैं व्यक्ति को जिंदगी में तब तक नहीं डरना चाहिए, जब तक आपको लोग न समझ पाएं लेकिन तब ज़रूर डरना चाहिए, जब आप खुद को ही न समझ पाएं।

कहा जाता है कि भय से ही दु:ख, मृत्यु के साथ-साथ बुराईयां उत्पन्न होती हैं।

हार तो निश्चित है इसलिए डर किस बात का, खुलके सामना करो यही आपका निडर होना हार को जीत में बदल सकता है।

ये कहावत तो सब न सुनी ही है कि डर के आगे जीत है, बस आपको इसी को याद रखना है। ये आपको जीवन में सफलता प्राप्त करने में मददगार साबित हो सकता है।

याद रखें कि इंसान को सबसे ज्यादा डर खुद से लगता है कि कहीं वो खुद से न हार जाए।

Jyoti

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