ये बातें मनुष्य को बनाती हैं सुखी

Wednesday, May 02, 2018 - 03:18 PM (IST)

महाभारत में अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा विदुर ने अपनी नीतियां में एेसी कई उपयोगी बातें बताई थी, जो न केवल उस समय में प्रासंगिक थी बल्कि आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक है। यदि व्यक्ति आज के समय में भी इन नीतियां पर अमल करता है तो उसके जीवन में आने वाली हर कठिनाई दूर हो जाती है। आईए जानते हैं विदुर जी द्वारा बताई गई 6 चीज़ें के बारे में बताया है, जो मनुष्य जीवन का सुख मानी जाती हैं। 
 
श्लोक-
आरोग्यामानृण्यमविप्रवासः सद्धिर्मनुष्यैः सह स्मप्रयोगः।
स्वप्रत्यया वृत्तिरभीतवासः षड् जीवनलोकस्य सुखानि राजन्।।
 
अर्थ- निरोग होना, ऋणि मुक्त होना, परदेश में न रहना, अच्छे लोगों की संगति होना, किसी पर निर्भर न होना और निडर होकर रहना।

निरोग होना-
स्वस्थ रहना मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा वरदान होता है। जो व्यक्ति हर वक्त बीमारियों की गिरफ्त में रहता है, उसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार मनुष्य कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता। ऐसे मनुष्य को अपनी शरीर के साथ-साथ धन का भी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, विदुर जी का कहना है कि    निरोगी होना सबसे बड़ा सुख होता है।

ऋण मुक्त-
कहते हैं कि मनुष्य को अपनी आय के अनुसार ही अपनी इच्छा रखनी चाहिए। कई लोगों का मन वश में नहीं होता। वे अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से ऋण यानि उधार ले लेते हैं। दूसरों से पैसे उधार लेकर पाई गई सुविधाएं कभी सुख नहीं देती। कई बार लोग अपना लिया हुआ कर्जा चुका नहीं पाते और अपने साथ-साथ अपने परिवार को भी परेशानी में डाल देते हैं। जो मनुष्य ऋण मुक्त होता है वह बहुत सुखी होता है।

अपने देश में रहना-
कई कारणों से लोग अपना देश छोड़कर किसी अन्य देश में रहने लगते हैं। ऐसा करने का कारण चाहे जो भी हो, लेकिन अपने देश में रहने का जो सुख है, वह कहीं और नहीं मिल सकता। जो मनुष्य अपना पूरा जीवन अपने लोग और अपने देश में बितातें है, वह बहुत सुखी होते है।

अच्छे लोगों की संगति- 
जो मनुष्य अच्छे और विद्वान लोगों से दोस्ती रखते है, उनके साथ अपना समय बितातें है, वह बहुत ही सुखी मानें जाते है। बुरे लोगों की संगति का परिणाम भी बुरा ही होता है। जो मनुष्य दुष्ट और हिंसक लोगों के साथ मेल-मिलाप रखता है, उसे आगे चलकर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, जिसकी दोस्ती अच्छे लोगों के साथ होती है, वह बहुत सुखी होता है।

किसी पर निर्भर न होना-
जो मनुष्य अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करने के लिए खुद धन कमाने के काबिल होता है, वह बहुत ही सुखी माना जाता है। कई लोग अपना जीवन चलाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, ऐसे लोगों का न तो स्वाभिमान होता है, न ही दूसरों की नजर में सम्मान। इसलिए, जो खुद मेहनत करके अपना जीवन चलाता हो, उसे सबसे सुखी माना जाता है।

निडर होना-
जिसकी अपने से ज्यादा ताकतवर इंसान से दुश्मनी होती है, वह पूरा समय उसी दुश्मन के बारे में सोचता रहता है। ताकतवर दुश्मन उसे और उसके परिवार को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकता है। किसी बात या मनुष्य के डर से जीने वाला मनुष्य कभी अपने जीवन का पूरा आनंद नहीं ले पाता। इसलिए, जो व्यक्ति बिना किसी भय के अपना जीवन जीता है, वह सबसे सुखी होता है।
 

Jyoti

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