इस आसान तरीके से भी दे सकते हैं आप अपने दुश्मन को मात

Friday, Jun 26, 2020 - 02:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज कल के समय को देंखे तो लगभग हर व्यक्ति में बदले की भावना बढ़ती जा रही है। हर छोटी से छोटी बात को लोग अपने दिल पर लगा लेते हैं और सामने वाले के प्रति अपने मन में द्वेष रखने लगता है और उससे बदला लेने में लग जाता है। कुछ लोग तो इन बातों को लेकर इतना गंभीर हो जाते हैं कि अपने दुश्मन पर प्रहार करने का विचार बना लेते हैं। मगर ऐसा करना ठीक नहीं होता। अब आप सोचेंगे कि अगर ऐसे नहीं तो कैसे अपने दुश्मन पर जीत हासिल की जाए। तो आपको बता दें हमारे धार्मिक शास्त्रों में ऐसे कई आसान तरीके बताए गएं हैं जिन्हें अपनाकर कोई भी व्यक्ति बिना हिंसा किए अपने दुश्मन से बदला ले सकते हैं। हम जानते हैं आप इस बारे में यकीनन सोच में पड़ गए होंगे, बल्कि कुछ लोग तो उन शास्त्रों की तलाश में लग जाएंगे जिनमें इससे संबंधित जानकारी विस्तार में बताई गई है। आपको बता दें कि आपको ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। बल्कि आपको कहीं ओर जाने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि हम आपको यही अपनी वेबसाइट के जरिए बताएंगे कि कैसे आप बिना प्रहार किए आप अपने दुश्मन को हरा सकते हैं। आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जाता, इन्होंने अपने ज्ञान के दम पर समाज ने एक महान कूटनीतिज्ञ के रूप में अपनी जगह बनाई। इन्होंने अपनी नीतियों पर एक नीति सूत्र नामक ग्रंथ की रचना की। जिसमें बाखूबी समझाया गया है कि कैसे दुश्मन से अपने अपमान का जवाब देना चाहिए।  

चाणक्य नीति श्लोक-

अनुलोमेन बलिनं प्रतिलोमेन दुर्जनम्।
आत्मतुल्यबलं शत्रु: विनयेन बलेन वा।।


प्रत्येक मनुष्य को इस बारे में पता होना चाहिए कि उसका शत्रु कमज़ोर है या बलशाली। इसके बाद ही शत्रु के खिलाफ नीति बनानी चाहिए।  

क्योंकि अगर दुश्मन आपसे ज्यादा शक्तिशाली होगा तो उसे हराने के लिए व्यक्ति को उसके अनुकूल ही अपना आचरण करना चाहिए।

इसके अलावा अगर दुश्मन का स्वभाव दुष्ट होगा और वो छल करने वाला है हुआ तो उसे हराने के लिए उसके विपरीत आचरण करना होगा।

इसके अलावा चाणक्य कहते हैं कि अगर आपका दुश्मन आप ही की तरह बराबर का है तो उसे विनय पूर्वक या बल से मात देनी चाहिए।

हथियार से वार करने की बजाए उसे अपनी नीतियों के जाल में फंसाना चाहिए, ताकि वो चाहकर भी निकल न सके।

 

Jyoti

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