मांगने का ये तरीका दिलवाएगा अशर्फियां

punjabkesari.in Thursday, Feb 16, 2017 - 10:55 AM (IST)

एक बादशाह था, वह जब नमाज के लिए मस्जिद जाता तो 2 फकीर उसके दाएं और बाएं बैठा करते। दाईं तरफ वाला कहता, ‘‘या अल्लाह! तूने बादशाह को बहुत कुछ दिया, मुझे भी दे दे!’’ 


बाईं तरफ वाला कहता, ‘‘ऐ बादशाह! अल्लाह ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे।’’ 


दाईं तरफ वाला फकीर बाईं तरफ वाले से कहता, ‘‘अल्लाह से मांग, बेशक वह सबसे बेहतर सुनने वाला।’’


बाईं तरफ वाला जवाब देता, ‘‘चुप कर बेवकूफ।’’ 


एक बार बादशाह ने अपने वजीर को बुलाया और कहा कि मस्जिद में दाईं तरफ जो फकीर बैठता है वह हमेशा अल्लाह से मांगता है, अल्लाह उसकी जरूर सुनेगा लेकिन जो बाईं तरफ बैठता है वह हमेशा मुझसे फरियाद करता रहता है, तो तुम ऐसा करो कि एक बड़े से बर्तन में खीर भरकर उसमें अशर्फियां डाल दो और वह उसको दे आओ।
वजीर ने ऐसा ही किया। अब वह फकीर मजे से खीर खाते-खाते दूसरे फकीर को चिढ़ाता हुआ बोला, ‘‘हुंह, बड़ा आया अल्लाह देगा वाला, यह देख बादशाह से मांगा, मिल गया न?’’ 


खाने के बाद जब उसका पेट भर गया तो उसने खीर से भरा बर्तन दूसरे फकीर को दे दिया और कहा, ‘‘ले पकड़, तू भी खा ले, बेवकूफ। अगले दिन जब बादशाह नमाज के लिए मस्जिद आया तो देखा कि बाईं तरफ वाला फकीर तो आज भी वैसे ही बैठा है लेकिन दाईं तरफ वाला गायब है।’’ 


बादशाह ने चौंक कर उससे पूछा, ‘‘क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला?’’ 


फकीर, ‘‘जी मिला बादशाह सलामत, क्या लजीज खीर थी, मैंने खूब पेट भरकर खाई।’’


बादशाह, ‘‘फिर?’’


फकीर, ‘‘फिर वह जो दूसरा फकीर यहां बैठता है, मैंने उसको दे दी, बेवकूफ हमेशा कहता रहता है अल्लाह देगा, अल्लाह देगा।’’ 


बादशाह मुस्कुरा कर बोला, ‘‘बेशक, अल्लाह ने उसे दे दिया।’’


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