जीत मुश्किल हो सकती है नामुमकिन कभी नहीं!

Saturday, Jan 25, 2020 - 04:49 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
खेल की कक्षा शुरू हुई तो एक दुबली-पतली लड़की शिक्षक से ओलिम्पिक रिकॉडर्स बारे सवाल पूछने लगी। इस पर कक्षा में सभी छात्र हंस पड़े। 4 साल की उम्र में ही उसे पोलियो हो गया था। शिक्षक ने भी व्यंग्य किया, ''तुम खेलों बारे जानकर क्या करोगी? तुम तो ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती, फिर ओलिम्पिक से तुम्हारा क्या मतलब? तुम्हें कौन-सा खेलों में भाग लेना है जो यह सब जानना चाहती हो?"

उदास होकर लड़की चुपचाप बैठ गई। सारी क्लास उस पर देर तक हंसती रही। घर जाकर उसने मां से पूछा, ''क्या मैं दुनिया की सबसे तेज धावक बन सकती हूं?"

उसकी मां ने उसे प्रेरित किया और कहा, ''तुम कुछ भी कर सकती हो। इस संसार में नामुमकिन कुछ भी नहीं है।"

अगले दिन जब खेल पीरियड में उसे बाकी बच्चों से अलग बिठाया गया तो उसने कुछ सोचकर बैसाखियां सम्भालीं और दृढ़ निश्चय के साथ बोली, ''सर, याद रखिएगा, अगर लगन सच्ची और इरादे बुलंद हों तो सब कुछ सम्भव है।"

सभी ने इसे भी मजाक में लिया और उसकी बात पर ठहाका लगाया। अब वह लड़की तेज चलने के अभ्यास में जुट गई। वह कोच की सलाह पर अमल करने लगी, अच्छी और पौष्टिक खुराक लेने लगी। कुछ दिनों में उसने अच्छी तरह चलना, फिर दौडऩा सीख लिया। उसके बाद वह छोटी-मोटी दौड़ में हिस्सा लेने लगी। अब कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आने लगे। वे उसका उत्साह बढ़ाते। उसके हौसले बुलंद होने लगे। 

उसने 1960 के ओलिम्पिक में 100 मीटर, 200 मीटर और 4&100 रिले में वल्र्ड रिकार्ड बनाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। ओलिम्पिक में इतिहास रचने वाली वह बालिका थी अमरीका की प्रसिद्ध धाविका विलम रूडोल्फ। 

Jyoti

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