सूर्य ग्रहण से कैसे अलग है चंद्र ग्रहण?

Wednesday, Oct 09, 2019 - 01:38 PM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 2 तरह के ग्रहण होते हैं जिसमें से एक होता है चंद्र ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार साल में समय-समय पर ग्रहों की बदलती स्थिति के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण के हालात बनते हैं। नासा के ग्रहण पर विश्लेषण के अनुसार जब सूर्य या चंद्रमा किसी दूसरे ग्रह के पीछे आता है तो ऐसी स्थिति में ग्रहण कहलाता है। बता दें 2019 के इस साल की शुरुआत ही चंद्र ग्रहण से हुई थी। बता दें ये ग्रहण 21 जनवरी 2019 को था।

ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि इस साल और कोई चंद्र ग्रहण नहीं पड़ने वाला। तो आइए जानते हैं आने वाले 2020 इस साल में और कितने ग्रहण पड़ने वाले हैं। साथ ही जानेंगे आख़िर सूर्य ग्रहण से कैसे अलग होता है चंद्र ग्रहण।

कैसे अलग-अलग होते हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र का मानना है इनमें सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि चंद्रग्रहण रात में होता है और सूर्य ग्रहण दिन में पड़ता है। इन ग्रहणों के केवल कुछ निश्चित समय होते हैं जब उनमें से कोई भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर बता दें चंद्र ग्रहण केवल तब हो सकता है, जब चंद्रमा आकाश में सूर्य से सीधे विपरीत होता है, जिसे पूर्ण चंद्रमा के रूप में जाना जाता है। इसीलिए चंद्र ग्रहण हर महीने नहीं होता क्योंकि सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा के अनुरूप नहीं है।

चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी की तुलना में 5 डिग्री अधिक झुकी हुई है, अन्यथा प्रत्येक महीने एक चंद्र ग्रहण देखने को मिल सकता है। चंद्रमा, सूर्य से पृथ्वी की तुलना में 300 गुना करीब है, जिसका मतलब आकाशीय ओर्ब इसके विपरीत चंद्रमा की तुलना में सूर्य की रोशनी को रोकने की ज्यादा संभावना है।

अब जानें साल 2020 में पड़ने वाले ग्रहण-
पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी।
दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून।
तीसरा चंद्र ग्रहण 5 जुलाई।

चौथा चंद्र ग्रहण यह साल 2020 का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा, जो 30 नवंबर को लगेगा।
पहला सूर्य ग्रहण 21 जून।
दूसरा सूर्यग्रहण 14 दिसंबर।

आपकी जानकारी के लिए बता दें अब इस साल कोई चंद्र ग्रहण नहीं पड़ेगा। अगले साल यानि 2020 में अगला चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। हालांकि इस साल 2019 के आखिर में एक ग्रहण पड़ेगा। जो 26 दिसंबर 2019 को एक सूर्य ग्रहण होगा। नासा की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 साल का ये ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस सूर्य ग्रहण की अवधि तीन मिनट होगी। जो केवल ऑस्ट्रेलिया और एशिया के आसपास के क्षेत्रों में दिखाई देगा।

Jyoti

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